सूर्यकांत मामले में जेल अधीक्षक को कोर्ट की फटकार, दो बार हुए पेश, लिखित स्पष्टीकरण और सूर्यकांत की मेडिकल रिपोर्ट जमा

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सूर्यकांत मामले में जेल अधीक्षक को कोर्ट की फटकार, दो बार हुए पेश, लिखित स्पष्टीकरण और सूर्यकांत की मेडिकल रिपोर्ट जमा

याज्ञवल्क्य, RAIPUR. कोयला घोटाला और अवैध वसूली गिरोह मामले में ईडी के अनुसार पूरे गिरोह के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी मसले को लेकर जेल अधीक्षक को रायपुर विशेष अदालत ने जबर्दस्त फटकार लगाई है। एडिशनल सेशन जज और ईडी कोर्ट के न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में जेल अधीक्षक को दो बार सुबह और शाम पेश होना पड़ा। कोर्ट ने उन्हें लिखित स्पष्टीकरण और सूर्यकांत के मेडिकल रिपोर्ट के साथ तलब किया। 





क्यों नाराज थी कोर्ट





कर्नाटक के कडगुड़ी थाना, व्हाइटफिल्ड बैंगलुरु में क्राईम नंबर 129/22 के तहत सूर्यकांत तिवारी एवं सहयोगियों के खिलाफ धारा 186,204,120 बी,353 और 384 के तहत अपराध दर्ज है। कर्नाटक पुलिस को इसी मामले में सूर्यकांत तिवारी से पूछताछ करनी थी।कर्नाटक पुलिस की इसी एफआईआर और आयकर विभाग से मिली जानकारी पर सूर्यकांत तिवारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई शुरु की थी। कर्नाटक पुलिस की ओर से आवेदन रायपुर के विशेष न्यायालय में पेश किया गया था।विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने कर्नाटक पुलिस को पूछताछ की अनुमति दे दी थी,कोर्ट ने आदेशित किया था कि,18 और 19 अप्रैल को कर्नाटक पुलिस केंद्रीय जेल में पूछताछ करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।इस मसले पर कोर्ट को जानकारी कर्नाटक पुलिस के जरिए ही मिली।





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क्यों पूछताछ नहीं कर पाई कर्नाटक पुलिस





कर्नाटक पुलिस करीब ढाई बजे कोर्ट का आदेश लेकर रायपुर सेंट्रल जेल पहुंच गई लेकिन जेल अधीक्षक करीब आठ बजे कर्नाटक पुलिस की टीम से मिलने पहुंचे।जेल अधीक्षक ने बताया कि, सूर्यकांत तिवारी अस्पताल में भर्ती है और उसकी तबियत ठीक नहीं है। कर्नाटक पुलिस का दल अस्पताल गया जहां चिकित्सक ने यह कहा कि, केंद्रीय जेल से अधिकारी कर्मचारी लाइए तो पूछताछ हो ना हो इस पर विचार करेंगे। बताया जाता है कि कर्नाटक पुलिस ने अदालत का पत्र दिखाया लेकिन चिकित्सक नहीं माने। इसके बाद फिर दल केंद्रीय जेल गया, और लंबे इंतजार के बाद मुश्किलों से जेल से कर्मचारी गया। लेकिन उसके बाद चिकित्सक ने तबियत खराब होने की बात कहते हुए पूछताछ कराने से इंकार कर दिया।





विचाराधीन कैदी कोर्ट का विषय





जेल मैन्युअल के जानकारों के मुताबिक विचाराधीन बंदी सीधे तौर पर न्यायालय का विषय होता है। उसके साथ किसी भी प्रकार के स्थान परिवर्तन की सूचना संबंधित न्यायालय को देनी होती है। लेकिन सूर्यकांत तिवारी के मसले पर ऐसा नहीं किया गया। सूर्यकांत तिवारी को 17 अप्रैल की रात मेकाहारा में भर्ती करा दिया गया, लेकिन इसकी औपचारिक सूचना कोर्ट को नहीं दी गई। 





दो बार कोर्ट में पेश हुए जेल अधीक्षक





खबरें हैं कि, कोर्ट में जेल अधीक्षक दो बार पेश हुए। सुबह न्यायालय में जब पेश हुए तो उनके पास लिखित स्पष्टीकरण नहीं था जो कि कोर्ट



ने उनसे आदेश के उल्लंघन के मामले में मांगा था।कोर्ट के तेवर सख्त थे। जेल अधीक्षक को शाम को फिर लिखित स्पष्टीकरण और सूर्यकांत तिवारी की मेडिकल रिपोर्ट के साथ फिर उपस्थित होना पड़ा। कोर्ट के तेवर तब भी बेहद सख्त थे।





कोर्ट का आदेश- 29 अप्रैल को पेश होगा सूर्यकांत





 ईडी स्पेशल कोर्ट के जज अजय सिंह राजपूत ने मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद आरोपी की उपस्थिति का आदेश दिया है। मामला पूर्व की तरह 29 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसके मायने यह हैं कि, सूर्यकांत तिवारी को 29 अप्रैल को अदालत में पेश होना होगा। उसके बाद बैंगलुरु पुलिस को उसके बयान दर्ज करने का मौका मिल जाएगा।





जेल अधीक्षक का फोन उठा पर बगैर बात फोन काटा





 पूरे घटनाक्रम को लेकर द सूत्र ने जेल अधीक्षक योगेश खत्री से उनके मोबाईल नंबर पर संपर्क कर उनका पक्ष और वस्तुस्थिति जाननी चाही, उन्हे घंटी गई, करीब 14 सेंकड के लिए फोन उठा पर उधर से कोई आवाज नहीं आई, उन्हे दोबारा कॉल किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।



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