AMBIKAPUR. साल 2004 यानी 19 साल पहले झारखंड, उत्तर प्रदेश और सरगुजा के सीमावर्ती इलाकों में चलने वाली बसों में डकैतों का गिरोह सक्रिय था। इसी तरह के एक मामले में बस को रुकवाकर लूटपाट करने का मामला बलरामपुर क्षेत्र में आया था। पुलिस ने इस मामले के अन्य सभी आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन सरगना फरार था। अब वो तमिलनाडु में पकड़ा गया है, जहां वो बसों में कंडक्टरी का काम करने लगा था। आखिरकार उसे 19 साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
झारखंड के युवकों ने बनाया था गिरोह
आपको बता दें कि जब इस इलाके में नक्सल गतिविधियां तेज थीं। उसी दौर में झारखंड के आपराधिक प्रवृत्ति के कुछ स्थानीय युवकों ने गिरोह बना लिया था। वे यात्री बसों को रोककर लूटपाट करते थे। उनके निशाने पर अंबिकापुर-बनारस और अंबिकापुर-रामनुजगंज मार्ग पर रात में चलने वाली बसें होती थीं। ऐसी ही एक घटना 1 जून 2004 को हुई थी, जब एक गिरोह ने हथियारों का डर दिखाकर यात्रियों से लूटपाट की थी।
अंबिकापुर से बनारस जाने वाली बस रात में लूटी थी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पता चला कि इस वारदात को झारखंड के गढ़वा में बरवा ठींगला गांव के विभावन मिस्त्री ने अपने साथी अजय मिंज, शंकर मिंज, आकाश उरांव, बोलवा, रामजी, विनय ठाकुर, अनिल मिंज और विष्णु पनिका के साथ मिलकर की थी। इन्होंने अंबिकापुर-बनारस रोड पर पनसरा मोड़ पर बस को रात में रोका था। फिर देसी कट्टा और बंदूक की नोंक पर यात्रियों से लूटपाट की थी।
डकैती के बाद से फरार था विभावन मिस्त्री
बस यात्रियों से 1 लाख से ज्यादा की नकदी और सोने-चांदी के जेवर लूटे गए थे। डकैती के बाद से आरोपी विभावन मिस्त्री फरार हो गया था। उसका फरारी में चालान पेश किया गया था। पुलिस उसकी लंबे समय तक तलाश करती रही, लेकिन कहीं पता नहीं चला। पुलिस ने उम्मीद तक छोड़ दी थी और फाइलें तक दब गई थीं। हालांकि उसके दूसरे साथी एक-एक कर गिरफ्तार कर लिए गए जबकि उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया गया था।
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अचानक मिली जानकारी और पकड़ा गया
पिछले दिनों अचानक पुलिस को जानकारी मिली कि झारखंड का रहने वाला लूटपाट का आरोपी विभावन मिस्त्री अपना घर छोड़कर तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में रहता है। पुलिस ने उसके बारे में पुख्ता जानकारी जुटाई, तब पता चला कि वो वहां बस में कंडक्टर का काम करता है। इसके बाद एक टीम बनाकर उसे पकड़ने के लिए तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर भेजा गया। आखिरकार उसे वहां के बस स्टैंड पर ही पकड़ लिया गया।
26 की उम्र में वारदात, 45 की उम्र में गिरफ्तार
आपको बता दें कि जिस दौरान ये घटना हुई थी तब सरगना विभावन मिस्त्री की उम्र 26 साल थी। अब जब वो गिरफ्तार हुआ है तो उसकी उम्र 45 साल हो चुकी है। अब आरोपी को बाकी की जिंदगी जेल में काटनी पड़ेगी।