BILASPUR. बिलासपुर नगर निगम और उद्यमियों के बीच टैक्स को लेकर गतिरोध खत्म नहीं हो रहा है। उद्यमी दोहरे करारोपण के खिलाफ लामबंद हैं। इधर निगम ने उद्योगों को टैक्स में 60 प्रतिशत तक छूट व इसके एवज में नगर निगम को अतिरिक्त अनुदान दिए जाने का प्रस्ताव लाया है। इस प्रस्ताव के साथ ही एकबार फिर उद्यमी और निगम आमने-सामने आ गए हैं।
इंडस्ट्रियल एरिया भी निगम के दायरे में आ गया है
दरअसल, नगर निगम के विस्तार के साथ ही इंडस्ट्रियल एरिया भी निगम के दायरे में आ गया है। ऐसे में यहां संचालित उद्योगों से निगम टैक्स की मांग कर रहा है। इसे लेकर लंबे समय से उद्यमियों और निगम के बीच गतिरोध की स्थिति है। उद्यमी निगम के साथ ही शासन स्तर पर टैक्स में छूट देने की मांग कर रहे हैं। हालाकि इसके बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। निगम और उद्यमियों के बीच गतिरोध बना हुआ है। उद्यमियों का कहना है कि, उद्योग सीएसआईडीसी के जरिए संचालित हो रहे हैं। सीएसआईडीसी इंडस्ट्रियल एरिया में सुविधा व व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है, जिसका भुगतान सीएसआईडीसी को किया जा रहा है। लेकिन अब निगम भी टैक्स की मांग के साथ उद्योगों पर दोहरे कर का भार डाल रहा है। जिससे उद्योगों का संचालन कठिन होता जा रहा है।
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नगर निगम को अतिरिक्त अनुदान देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है
उद्यमियों का कहना है कि शासन स्तर पर भी इसका निर्णय हुआ है कि उद्योगों को संपत्ति कर में छूट दिया जाए। इसके बावजूद निगम इसपर न्यायोचित पहल नहीं कर रहा है। इधर उद्यमियों की मांग और इस गतिरोध के बीच निगम ने पहले 30 प्रतिशत और अब 60 प्रतिशत तक छूट देने और इसके एवज में नगर निगम को अतिरिक्त अनुदान दिए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
उद्यमी अब भी उद्योगों को संपत्ति कर से भार मुक्त रखने की मांग कर रहे हैं।
निगम महापौर का कहना है कि, नगर निगम की वित्तीय स्थिति के लिहाज से ये प्रस्ताव लाया गया है। ताकि, निगम को वित्तीय हानि न हो और निगम की वित्तीय स्थिति मजबूत रहे। बहरहाल, उद्यमियों की मांग और निगम के प्रस्ताव के बाद भी गतिरोध बरकरार है। एकबार फिर उद्यमी और निगम आमने-सामने आ गए हैं। उद्यमी अब भी उद्योगों को संपत्ति कर से भार मुक्त रखने की मांग कर रहे हैं।