बिलासपुर के कानन पेंडारी से लाए गए तेंदुए की मौत, रेस्क्यू के दौरान शरीर में जख्म के निशान, कीड़े भी लगे

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The Sootr CG
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बिलासपुर के कानन पेंडारी से लाए गए तेंदुए की मौत, रेस्क्यू के दौरान शरीर में जख्म के निशान, कीड़े भी लगे

BILASPUR. बिलासपुर जिले के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी क्रम में कानन पेंडारी चिड़ियाघर में आज (19 फरवरी) एक तेंदुए की मौत हो गई है। तेंदुए को गुरुवार रात वन विभाग रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क लाया गया था। रेस्क्यू के दौरान तेंदुए के शरीर में जख्म के निशान थे और फंदा भी फंसा हुआ था। बताया गया कि तेंदुएं की मौत पहले से लगे जख्म की वजह से हुई है। जख्म में कीड़े लग गए थे और 5 दिनों से वह कुछ खाया भी नही था। जंगल से शिकार की तलाश में तेंदुआ कानन पेंडारी जू के करीब के गांव में शिकार करने पहुंचा था। ग्रामीणों की नजर तेंदुए पर पड़ी और ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। तब वन विभाग ने रेस्क्यू किया था।





तेंदुए के  शिकार की आशंका





जानकारी के अनुसार पिछले दिनों कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क के करीब बिनोरी ग्राम में तेंदुआ के देखे जाने के बाद वन विभाग रेस्क्यू कर तेंदुआ को पकड़ा था। वन विभाग ने काफी मशक्कत की थी, तब कहीं जाकर तेंदुआ जाली में फंसा था और इस दौरान तेंदुए को जख्म भी लगा था. हालांकि उस समय वन विभाग ने जानकारी दी थी की शिकार करने के लिए शिकारी फंदा फंसाए थे और वही फंदा तेंदुए के शरीर में मिला था, जिससे उसे जख्म हो गया था।





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पांच दिन से खाना नहीं खाया था तेंदुए ने, इंफेक्शन भी फैला





 मामले की जानकारी देते हुए कानन प्रबंधन के अधिकारी विष्णु राज नायर ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान या पहले से ही तेंदुए के शरीर में जख्म था। इसकी जानकारी तो उन्हें नहीं है, लेकिन जब तेंदुआ कानन लाया गया था तो काफी जख्मी था और उसके जख्मों में कीड़े लगे हुए थे। कीड़े को साफ कर इलाज किया जा रहा था। साथ ही जख्म में फंदा भी फंसा हुआ था। लगातार तेंदुआ का इलाज किया गया, लेकिन रविवार सुबह उसकी मौत हो गई। तेंदुआ लगभग 5 दिनों से खाना भी नहीं खाया था और उसके पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया था जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है।



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