याज्ञवल्क्य, Raipur. कोयला घोटाला और अवैध वसूली गिरोह मामले में बीते दिसंबर से केंद्रीय जेल में बंद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर बहस जारी है। इस मानले में अब बहस चार अप्रैल को होगी। इस मामले में आज ईडी ने कोर्ट को सीलबंद लिफाफा भी सौंपा है।
दो घंटे तक चली ईडी की बहस
राज्य सरकार की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया की ज़मानत याचिका पर आज ईडी की ओर से तर्क पेश किए गए। ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने तर्क रखा। उनके साथ ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ सौरभ पांडेय भी मौजूद थे। एडिशनल सॉलीसिटर जनरल एस वी राजू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित थे। ईडी की ओर से तर्क करीब ढाई घंटे तक चला।
हाईकोर्ट को सौंपा गया सीलबंद लिफाफा
जमानत याचिका के विरोध में तर्क के दौरान ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ सौरभ पांडेय ने कोर्ट को सीलबंद लिफाफा सौंपा है। इस बंद लिफाफे की स्वीकार किए जाने को लेकर भी तर्क दिए गए। ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ सौरभ पांडेय के तर्क से सहमत होते हुए जस्टिस पी सैमकोशी ने लिफाफा स्वीकार लिया।
ईडी अटैच कर चुकी है आरोपियों की संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने आरोपियों से जुड़ी संपत्तियां अटैच कर ली हैं। अटैच की गई इन संपत्तियों में से सबसे अधिक 65 संपत्तियां कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। सौम्या चौरसिया से जुड़ी 21 संपत्तियां और निलंबित आईएएस समीर विश्नोई से जुड़ी पांच संपत्तियां भी अटैच की गई हैं। शेष संपत्तियां सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। इन संपत्तियों में कैश, आभूषण, फ्लैट, कोलवाशरी और भूखंड शामिल हैं।