याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में चुनाव के नजदीक आते ही अब कर्मचारियों की मांगें तेज हो रही हैं। अलग-अलग मुद्दों को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ में विरोध प्रर्दशन की एक लहर-सी दौड़ने लगी है। अब छत्तीसगढ़ के सभी 170 नगरीय निकायों के प्लेसमेंट कर्मी 27 नवंबर को निगम से ठेका प्रथा बंद करने और नियमितिकरण की मांग को लेकर एक साथ एक दिवसीय धरना और रैली निकालने की तैयारी में हैं। खबर है कि राज्य के सभी नगर निगमों, पालिकाओं और पंचायतों के प्लेसमेंट कर्मी अब रायपुर धरना स्थल पर ठेका प्रथा बंद कराने की मांगों को लेकर धरना देने वाले हैं। नियमितिकरण हेतु नगरीय निकायों से प्लेसमेंट कर्मियों की जानकारी नहीं मंगाए जाने से नाराज प्लेसमेंट कर्मचारियों ने यह फैसला लिया है।
पूरे प्रदेश में ये जरूरी कार्य हो सकते हैं बाधित
इस धरने के चलते प्रदेश के सभी 170 नगरीय निकायों में 27 नवंबर को एक दिन के लिए सफाई, पानी, बिजली आपूर्ति सहित अन्य सार्वजनिक कार्य बाधित रहने के अनुमान हैं। क्योंकि नगरीय निकायों में तैनात सभी कर्मचारी एक साथ नियमितीकरण की मांग को लेकर एक दिन का धरना देने जा रहे हैं, जिसे उन्होंने महाधारणा का नाम दिया है।
सरकार की नियमतीकरण प्रक्रिया में नहीं दी गई इनकी जानकारी
गौरतलब है कि शासन द्वारा नियमितीकरण की प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसमें नगरीय निकायों के प्लेसमेंट कर्मचारियों की जानकारी नहीं है। मंत्रालय से जो जानकारी के लिए फॉर्मेट अन्य विभागों में भेजा गया है, वह अभी निकायों में नहीं पहुंचा है, वहीं शासन ने करीब 45 हजार अनियमित मांग पत्र कर्मचारियों को नियमित करने की सूची तैयार कर ली है। इसमें इन निकायों के एक भी कर्मचारी के नाम शामिल नहीं है।
50 हजार कर्मचारी कर रहे प्लेसमेंट में कार्य
बता दें कि प्रदेशभर के 170 निकायों में करीब-करीब 50 हजार कर्मचारी प्लेसमेंट पर हैं। इनमें से अधिकांश ऐसे हैं जो 10-15 साल से प्लेसमेंट पर काम कर रहे हैं।
पहले भी सीएम से कर चुके हैं नियमतीकरण की मांग
छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ऐडे ने मीडिया को बताया कि ठेका प्रथा बंद कर नियमितीकरण की मांग को लेकर वे पहले भी मुख्यमंत्री सहित विभागीय मंत्री और तीन कैबिनेट मंत्रियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।