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RAIPUR/DHAMATARI. शहर और जिला मुख्यालय के आसपास कई ऐसे स्कूल है जहां सेटअप से ज्यादा शिक्षक मिल जाएंगें। लेकिन दूरस्थ स्कूलो में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। इससे बच्चों का भविष्य अंधकार में है। कुछ ऐसा ही मामला बागतराई गांव के हायर सेकेंडरी, माध्यमिक और प्राथमिक शाला का है। यहां प्राचार्य, प्रधानपाठक और शिक्षकों के कुल 8 पद खाली हैं, जिससे स्कूल में पढ़ाई व्यवस्था चरमरा गई है।
हाल ही में हुआ 2 शिक्षकों का ट्रांसफर
स्कूल में खाली पड़े पदों को जल्द नहीं भरने पर ग्रामीणों ने स्कूल में तालाबंदी कर आंदोलन की चेतावनी प्रशासन को दी है। शाला प्रबंधन और विकास समिति ने बताया कि स्कूल में करीब दो सौ बच्चे अध्ययनरत हैं, लेकिन शिक्षक की कमी से शिक्षा व्यवस्था बिगड़ गई है। हाल ही में दो शिक्षकों का ट्रांसफर हुआ है। लेकिन उसके बदले में कोई शिक्षक नहीं आया है। जिससे पालकों में प्रशासन के खिलाफ काफी नारजगी है। बहरहाल जिला प्रशासन का कहना है कि शिक्षकों के खाली पदों को जल्द भरने राज्य शासन को पत्र भेजा गया है।
पदोन्नति के बाद पदांकन के निर्देशन जारी
इधर, राज्य सरकार ने सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला पद पर पदोन्नति के बाद पदांकन के संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देश में कहा गया कि सबस पहले पदांकन शिक्षक विहीन शालाओं में और उसके बाद एकल शिक्षकीय शालाओं में प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
पदोन्नति के बाद पदांकन में प्रक्रिया का नहीं किया जा रहा पालन
सरकार के ध्यान में यह तथ्य आया है कि वर्तमान में सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति के बाद पदांकन में विधिवत प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। इन तथ्यों को ध्यान रखते हुए राज्य शासन ने सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति के बाद पदांकन के संबंध में निर्देश प्रसारित किए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिन जिलों में आज तक पदांकन आदेश जारी नहीं किए गए हैं। उन जिलों में पदाकंन की कार्रवाई काउंसलिंग के माध्यम से ही की जाए। इसके लिए सर्वप्रथम शिक्षक विहीन शालाओं में पदांकन किया जाए। शिक्षक विहीन शालाओं में पदांकन पूरा होने पर एकल शिक्षक की शालाओं में प्राथमिकता के आधार पर पदांकन किया जाए। इन दोनों श्रेणियों में खाली पद भरे जाने के बाद आवश्यकता के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर स्कूलों में पदांकन किया जाए। जो शिक्षक वर्तमान पदांकन से संतुष्ट नहीं है। उनके 10 दिन के भीतर जिला शिक्षा अधिकारियों के सामने अभ्यावेदन किया जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी संबंधित के अभ्यावेदन का निराकरण विधिवत काउन्सिलिंग के माध्यम से 7 दिन के भीतर करें और की गई कार्यवाही से संचालक लोक शिक्षण को अवगत कराएं।