धमतरी में हाथियों के गले में रेडियो कॉलर नहीं, वन विभाग की मैदानी टीम मल-मूत्र और चिंघाड़ से कर रही लोकेशन ट्रैस

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The Sootr CG
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धमतरी में हाथियों के गले में रेडियो कॉलर नहीं, वन विभाग की मैदानी टीम मल-मूत्र और चिंघाड़ से कर रही लोकेशन ट्रैस

DHAMTARI. छत्तीसगढ़ के कई शहरों में हाथियों का दल उत्पात मचा रहा है। इसी क्रम हाथियों का एक दल धमतरी जिले के दुगली रेंज में घूम रहा है। यह दल नगरी-जबर्रा रोड पर पहुंच गया, जिसके कारण करीब 2 घंटे मार्ग को बंद रखा गया। इस दल के आने से इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वन विभाग के अनुसार हाथियों के गले में रेडियो कॉलर नहीं है, इस वजह से मैदानी टीम मल-मूत्र और चिंघाड़ से ट्रैस कर रहे है। अफसरों ने बताया कि सिकासेर दल के करीब 32 हाथी तोरेंगा रेंज में है। हाथियों का मूवमेंट वापस सीतानदी-उदंती अभयारण्य रेंज की ओर है। यह दल रोज एक रात में करीब 35 से 40 किमी की दूरी तय करता है। 



हाथियों के दिखने के बाद वन विभाग का अलर्ट



वन विभाग के मुताबिक शनिवार (11 मार्च) शाम करीब 6 बजे 2 हाथी दुगली परिक्षेत्र के पश्चिम चारगांव परिसर कक्ष क्रमांक 335 में विचरण कर रहा। दोनों हाथी जबर्रा-नगरी रोड पार कर सड़क तक पहुंचे। कुछ देर सड़क किनारे विचरण कर वापस जंगल में चले गए थे, लेकिन इस दल के कुछ हाथियों को आज (12 मार्च) भी इस इलाके में घूमते देखा गया है। इससे वन विभाग ने चारगांव, जबर्रा, खरखा, गजकन्हार, तुमबाहरा, उरपुटी, बनरौद, गेदरापारा, मुरूमसिल्ली, मारदापोटी समेत धमतरी रेंज में अलर्ट जारी किया है।



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हाथियों का दल गरियाबंद-महासमुंद से होकर आ जाता है धमतरी



वन विभाग के अनुसार धमतरी में पहुंचे हाथियों का दल एक रात में करीब 35 से 40 किमी की दूरी तय करते हैं। रातभर में हाथी किस दिशा में आगे बढ़ेगा और कितनी दूर जाएगा, तय नहीं रहता। हाथियों को जिले का जंगल खूब पसंद आ रहा, इस वजह से गरियाबंद, महासमुंद से होकर वापस धमतरी के जंगल में पहुंच जाते है। सिकासेर दल के करीब 32 हाथी गरियाबंद के तोरेंगा एरिया में है।

 


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