रायपुर,16 अप्रैल 2022। माओवादियों ने विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया है कि बस्तर में पुलिस ने ड्रोन हमले किए हैं। ये ड्रोन हमले 14-15 अप्रैल की मध्य रात दस से अधिक गाँव और जंगलों पर किए गए।माओवादियों ने विज्ञप्ति के साथ कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं।माओवादियों के अनुसार ये हमले रात एक बजे से दो बजे के बीच किए गए हैं।यह विज्ञप्ति दंडकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प की ओर से जारी की गई हैं। जबकि माओवादियों के इस आरोप को बस्तर पुलिस ने निराधार बताते हुए सोची समझी साज़िश की रणनीति का हिस्सा बताया है।
माओवादियों ने विज्ञप्ति में दक्षिण बस्तर के बोट्टेम,रासम,एर्राम,मेट्टागूडेम,साकिलेर,मंडपा दुलेड,कन्नेमरका, पोट्टेमंगूम और बोत्तम नाम के गाँव का ज़िक्र किया है।माओवादियों ने लिखा है कि पीएलजीए ( नक्सलियों की निचले दर्जे के लड़ाकू दस्ते )इस हमले में बाल बाल बच गए हैं। विज्ञप्ति में केंद्र सरकार को ब्राम्हणवादी और राज्य सरकार को जनविरोधी और आदिवासी विरोधी सरकार कहा गया है।
इस विज्ञप्ति में लगाए गए हवाई हमले के आरोपों को बस्तर पुलिस ने नकार दिया है। बस्तर रेंज आईजी पी सुंदरराज ने कहा
“ये आरोप निराधार हैं और सोची समझी साज़िश की रणनीति का हिस्सा हैं।बस्तर में पुलिस शेष भारत की तरह नागरिकों की जानमाल की रक्षा लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत कर रही है।बीते 22 वर्षों में 1700 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों की हत्या और 1100 से ज़्यादा बार आईईडी विस्फोट करके बस्तर के लाल आतंक की छाया में तब्दील किया गया है।स्थानीय माओवादी कैडरों को ये सब हक़ीक़त समझना जरुरी है।ये प्रतिबंधित माओवादी संगठन जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट में असत्य और गुमराह करने वाली जानकारी से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।”
माओवादियो का आरोप बस्तर के जंगलों में ड्रोन हमला , आईजी ने आरोप किया खारिज
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