याज्ञवल्क्य मिश्रा/रेणु नंदी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ED ने एक बार फिर दस्तक दी है। शहर के नामी शराब कारोबारी अनवर ढेबर और होटल व्यवसायी को ED ने गिरफ्तार कर लिया है और दोनों से पूछताछ की जा रही है। ढेबर, रायपुर के मेयर एजाज ढेबर का भाई है। ढेबर कई दिनों से पहचान छुपाकर होटल में रुका हुआ था। शनिवार, 6 मई की अल सुबह ईडी ने कार्रवाई। जिसमें अनवर होटल में सोता हुआ पाया गया। मामले में रायपुर महापौर एजाज ढेबर को भी ईडी दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
मेयर का करीबी है अनवर
पुलिस सूत्रों मुताबिक, गिरफ्तार हुए शराब कारोबारी अनवर रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के करीबी रिश्तेदार हैं। पिछले मंगलवार, 2 मई को मेयर एजाज ढेबर को समन जारी कर प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। जिसमें पुरे 11 घंटे पूछताछ चली थी।
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होटल मैनेजर भी गिरफ्तार
शनिवार, 6 मई को अल सुबह ईडी ने सीआरपीएफ जवानों के साथ होटल में छापा मारा। जिसके बाद ईडी अफसरों ने कार्रवाई करते हुए अनवर ढेबर को होटल से सोते हुए गिरफ्तार किया। इसी दौरान ईडी ने होटल मैनेजर को भी अरेस्ट कर लिया है। होटल मैनेजर पर बिना वैध दस्तावेजों के अनवर को होटल में रुकाने की सुविधा देने के कारण दबोचा है।
कोर्ट से रिमांड मांगा
जानकारी मुताबिक, अनवर को गिरफ्तार करने के बाद शनिवार, 6 मई ही उसे कोर्ट में पेश किया गया है। ईडी ने कोर्ट से 14 दिन रिमांड के लिए आवेदन किया है। पिछले एक साल से छत्तीसगढ़ में ED लगातार कार्रवाई कर रही है। जिसे लेकर सीएम भूपेश बघेल ने भी कहा था कि छत्तीसगढ़ में डर का माहौल पैदा करने बीच-बीच में ईडी की कार्रवाई करवाई जा रही है। अब तक ED की रडार में आए उपसचिव सौम्य चौरसिया,आईएएस समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल और कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बचाव पक्ष ने कहा- ईडी गिरफ्तार नहीं कर सकती
शराब कारोबारी अनवर ढेबर को विजय मदनलाल केस के संदर्भ में ईडी ने किया गिरफ्तार किया है। ईडी सूत्रों का कहना है कि अनवर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है और कई समन देने के बाद भी वह अब तक हाजिर नहीं हुआ था। इस मामले में कोर्ट में कार्यवाही दोपहर ढाई बजे से शुरू होगी। बचाव पक्ष का कहना है कि ईडी गिरफ्तार नहीं कर सकती है, क्योंकि इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने शैड्यूल धाराओं को किनारे करते हुए जो धाराएं लगाई हैं, उसमें ईडी को कार्रवाई का अधिकार नहीं है। इस पर आयकर विभाग ने हाईकोर्ट में अपील भी की हुई है।