Raipur. छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले में ईडी ने आठवीं गिरफ़्तारी की है। यह पहली ऐसी गिरफ़्तारी है जिसमें किसी कलेक्ट्र्ट में पदस्थ अधिकारियों को ईडी ने अभियुक्त के रुप में गिरफ़्तार कर अदालत में पेश किया है।ईडी के द्वारा अदालत में पेश दोनों अधिकारी खनिज अधिकारी के रुप में कोरबा के खनिज शाखा में पदस्थ थे।ईडी की अब तक जाँच में यह जानकारी दी गई है कि कोयला घोटाला में कलेक्ट्रेट की भुमिका रहती थी। ईडी ने इन अधिकारियों को वंदना दीपक देवांगन की कोर्ट में पेश किया है।
खनिज विभाग शुरु से ईडी के राडार पर
ईडी के अनुसार पाँच सौ करोड़ से उपर के कोयला घोटाला जिसमें प्रति टन पच्चीस रुपए टन की वसूली की गई है, उसमें खनिज विभाग की अहम भूमिका थी। खनिज विभाग में ही पदस्थ IAS समीर बिश्नोई की सबसे पहली गिरफ़्तार ईडी ने इस मामले में की थी।IAS समीर बिश्नोई पर ईडी का आरोप है कि उन्होंने परिवहन का नियम बदल कर मैन्युअल कर दिया जिससे कि घोटाला संभव हो पाया। IAS समीर बिश्नोई इस समय निलंबित हैं और केंद्रीय जेल रायपुर में बंद हैं। ईडी के अनुसार यह मामला खनिज विभाग के टॉप टू बॉटम के शामिल होने से जुड़ा है। खनिज विभाग में पदस्थ रहे IAS समीर बिश्नोई के बाद खनिज विभाग से जुड़ी यह दूसरी गिरफ़्तारी है जिसमें खनिज विभाग के दो खनिज अधिकारियों को गिरफ़्तार किया गया है। आरोप है कि, IAS समीर बिश्नोई ने खनिज विभाग में पदस्थापना के दौरान यदि नियमों को तब्दील किया तो इसे निचले स्तर पर खनिज विभाग के इन्हीं अधिकारियों ने ऐसा क्रियान्वयन कराया किया कि घोटाला करने में कथित रुप से गिरोह को मज़बूत मदद मिली।ईडी द्वारा गिरफ़्तार जिन दो अधिकारियों को कोर्ट में पेश किया गया है उनमें एक संदीप नायक हैं जो इस समय धमतरी में पदस्थ हैं,जबकि दूसरे शिव शंकर नाग हैं जो कि इस समय जगदलपुर में पदस्थ हैं।दोनों ही अधिकारी कोरबा में पदस्थ थे। ईडी के अनुसार कोयला घोटाला और अवैध वसूली जिस जगह को केंद्र में रखकर की गई वह जगह कोरबा ही थी।
सौम्या चौरसिया समेत पाँच जेल में हैं
कोयला घोटाला और कोयले की अवैध वसूली गिरोह के रुप में ईडी ने अब तक जिनको गिरफ़्तार किया है, उनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया, निलंबित IAS समीर बिश्नोई, इस पूरे गिरोह के किंगपिन बताए गए सूर्यकांत तिवारी, कोल वाशरी संचालक सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकान्त तिवारी और दीपेश टाँक को गिरफ़्तार किया है। इनमें से दीपेश टाँक इस समय ईडी की रिमांड पर है, जबकि शेष पाँच जेल में हैं। बीते 20 जनवरी को सौम्या चौरसिया के ज़मानत आवेदन को बहस के बाद रायपुर कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था।
ईडी के रिमांड नोट से मिलेगा ब्यौरा
कोर्ट में गिरफ़्तार अभियुक्तों नाग और नायक को लेकर ईडी ने रिमांड पत्र दिया है। वह पत्र यह ब्यौरा अदालत को देगा कि आख़िर ईडी ने पूरे मामले में इन अधिकारियों की क्या भुमिका पाई है।