Raipur. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला जिसे ईडी ने क़रीब 2000 करोड़ का बताया है उसमें IAS अनिल टूटेजा, मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के कार्पोरेशन के एमडी अरुण पति त्रिपाठी समेत अन्य की 119 अचल संपत्ति कुर्क की है ।ईडी ने इसकी क़ीमत क़रीब 121 करोड़ 87 लाख रुपए बताई है। अब तक इस मामले में 180 करोड़ रुपये कि जप्ती की गई है।
क्या है मामला
ईडी राज्य में आबकारी विभाग में कथित दो हज़ार करोड़ के घोटाले की जाँच कर रही है। अब तक इस मामले में उसने अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित को पूछताछ के बाद जेल भेजा है जबकि अरुण पति त्रिपाठी और त्रिलोक ढिल्लन से ईडी पूछताछ कर रही है। ईडी की यह कार्यवाही आयकर विभाग के परिवाद पर आधारित है। ईडी के अनुसार यह अभूतपूर्व घोटाला है और इस मामले में राज्य के ख़ज़ाने को 2000 करोड़ का नुक़सान हुआ। इस सिंडिकेट के किंगपिन अनवर ढेबर हैं जिन्होने आबकारी विभाग के टॉप टू बॉटम अधिकारियों कर्मचारियों, राज्य द्वारा संचालित 800 शराब दुकानों और डिस्टलरी से शराब लाने वाले ट्रांसपोर्टरों में हर जगह अपने लोग शामिल कर दिए थे। ईडी के अनुसार नक़ली होलोग्राम लगा कर शराब राज्य की सरकारी दुकानों से बेची गई। हर साल शराब से जो आय राज्य के खाते में दर्ज होती थी, उसमें तीस से चालीस फ़ीसदी की बढ़ोतरी होती लेकिन यह इस गोरखधंधे की वजह से राज्य के सर्वोच्च शक्तिशाली राजनैतिक ताक़त को जाता था।ईडी का कहना है कि अनवर ढेबर इस को संचालित करने वाला चेहरा थे लेकिन उनका इस घोटाले की राशि पर पूरा अधिकार नहीं था। वे कुछ प्रतिशत के हिस्सेदार थे।
ED has attached 119 immovable assets worth ₹121.87 Crore in respect of Anil Tuteja, Anwar Dhebar, Arunpati Tripathi and others in the ongoing investigation of liquor scam in the State of Chhattisgarh. Total seizure and attachment in the case stand at approx. Rs 180 Crore. pic.twitter.com/8Vwt5m1F4L
— ED (@dir_ed) May 22, 2023
ईडी की कार्यवाही जारी है
ईडी की शराब घोटाला मामले में कार्यवाही जारी है।इस मामले में IAS अनिल टूटेजा को सुप्रीम कोर्ट से अस्थाई राहत है। अंतरिम ज़मानत याचिका अनवर ढेबर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके अतिरिक्त आबकारी विभाग के आयुक्त निरंजन दास समेत क़रीब छ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।