ED ने कोर्ट से कहा - वरिष्ठ राजनेता को 52 करोड़ दिए गए, 4 करोड़ विधायकों को, सौम्या को 36 करोड़ के आसपास की राशि मिली

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Yagyawalkya Mishra
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ED ने कोर्ट से कहा - वरिष्ठ राजनेता को 52 करोड़ दिए गए, 4 करोड़ विधायकों को, सौम्या को 36 करोड़ के आसपास की राशि मिली

Raipur. ईडी ने कोर्ट को सौंपे चालान में CM बघेल की निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया और कोयला घोटाला और अवैध वसूली गिरोह के बीच रिश्ते और गहरे दखल को प्रमाणित करने की क़वायद करते हुए कई वित्तीय विनमय का ज़िक्र किया है। ईडी ने कई निवेश और उस निवेश के लिए किस माध्यम से रक़म लाना बताया गया उसे लेकर भी अभिलेख पेश किए हैं। सौम्या चौरसिया को केंद्रित इस चालान में एक IPS का बयान भी मौजूद है जिसके हवाले से प्रवर्तन निदेशालय ने सौम्या चौरसिया की इस कार्टेल के पीछे प्रभावी और सबसे शक्तिशाली भुमिका साबित करने के लिए एक साक्ष्य की तरह इस्तेमाल किया है। ईडी ने इस चालान में यह भी बताया है कि,रक़म किन लोगों या समूह या संपत्तियों के निवेश में खर्च की गई।





सरकार के सभी तंत्र ने आँखों को बंद कर लिया था




ईडी के चालान में उल्लेखित है कि, सूर्यकांत तिवारी का प्रभाव ऐसा था कि, वह तंत्र जिसकी जवाबदेही थी कि, वह इस गड़बड़ी को रोकता या कि नियंत्रित करता उसने आँखें मूंद ली थीं। ये कार्टेल इस कदर प्रभावी था कि परिवहन के नियमों में परिवर्तन 15 जुलाई 2020 हुआ और 30 जुलाई 2020 से 25 रुपए टन की वसुली शुरु हो गई। 





निखिल का बयान 




 प्रवर्तन निदेशालय के इस चालान में जिस शख़्स का सबसे अहम किरदार गुत्थियों को सुलझाने में प्रतीत होता है,वह निखिल चंद्राकर है। निखिल ने ही ईडी को कोड रुप में लिखे नामों को ईडी को स्पष्ट किया है। ईडी के चालान में निखिल चंद्राकर के ही बयान में IAS रानू साहू का उल्लेख है। निखिल चंद्राकर के बयान में ही सौम्या चौरसिया को कैसे रक़म मिलती थी इसका उल्लेख भी है। ED ने चालान में निखिल चंद्राकर के बयान के हवाले से बताया है




“सौम्या चौरसिया को पैसे मनीष उपाध्याय और सूर्यकांत का ड्राइवर नारायण लेकर जाता था। डायरी में इनका कोड नाम MU और नारायण दुर्ग के नाम से दर्ज है”




  निखिल के ही बयान के हवाले से ईडी ने चालान में बताया है कि, सौम्या चौरसिया की बेनामी संपत्तियों में कुछ प्लॉट वालफोर्ट सिटी भाटागांव में हैं जो उसके रिश्तेदारों के नाम पर हैं।





सौम्या चौरसिया को लेकर ईडी ने लिखा है 




ईडी ने कई निवेश के संबंध सौम्या चौरसिया से स्थापित करने के लिए अभिलेख चालान के साथ संलग्न किए हैं। ईडी ने चालान में सौम्या चौरसिया के प्रभाव को लेकर लिखा है 




सूर्यकांत तिवारी कई ब्यूरोक्रेट के सीधे संपर्क में था, और ये अधिकारी उसे सूचनाएँ देते थे।यह सौम्या चौरसिया की ताक़त से ही संभव हो रहा था।





ED ने इस पूरे कार्टेल के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को सौम्या चौरसिया से मिल रही ताक़त को साबित करने या कि संलिप्तता को प्रमाणित करने के लिए बहुत से अन्य अभिलेख और व्हाट्सएप चैट को पेश किया है। इसी के साथ ED ने IPS पारुल माथुर का बयान भी इसी परिप्रेक्ष्य में पेश किया है। ED ने IPS पारुल माथुर और सूर्यकांत तिवारी के बीच व्हाट्सएप चैट को लेकर सवाल पूछा तो उसके जवाब में पारुल के हवाले से दिए बयान में लिखा गया है




“..कोयले से संबंधित मैटर में हमें मौखिक रूप से निर्देश मिले थे कि कोई भी कार्यवाही से पहले श्रीमती सौम्या चौरसिया की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से अनुमति जरुरी है। इसी वजह से मैंने सूर्यकांत तिवारी को मैंने प्रह्लाद अग्रवाल का नाम FIR में डालने/खोलने का मैसेज किया था। मैं प्रह्लाद अग्रवाल को नहीं जानती हूँ।”





अब तक हुई पूछताछ का ब्यौरा भी दिया ED ने 




प्रवर्तन निदेशालय ने चालान में अब तक इस प्रकरण की विवेचना में जारी नोटिस और परीक्षण में शामिल होने वाले व्यक्तियों के नाम भी शामिल किए हैं। ईडी ने सूर्यकांत तिवारी के परिजनों,सूर्यकांत तिवारी के कर्मचारियों,सूर्यत्व्र् के व्यवसायिक साझेदारों, सौम्या चौरसिया और उनके संबंधित व्यक्तियों के साथ साथ खनिज विभाग से जुड़े चार अधिकारियों, पुलिस विभाग से जुड़े चार अधिकारियों जिनमें 3 IPS और एक सिपाही शामिल है, दो ट्रांसपोर्टर और ईडी के नाम से कथित रुप से बीस लाख रुपए लेने वाले राजेश चौधरी और उसे बीस लाख देने वाले केंद्रीय जेल में बंद कोल वाशरी व्यवसायी सुनील अग्रवाल के रिश्तेदार का ज़िक्र है।





प्रवर्तन निदेशालय ने 277 करोड़ का हिसाब लिखा




ईडी ने चालान के प्रारंभिक पन्नों में ही अवैध उगाही से वसुली की अनुमानित रक़म 540 बताते हुए 270 करोड़ की राशि का भुगतान ब्यौरा संक्षिप्त में दिया है। इस ब्यौरे के अनुसार इस अवैध उगाही में बेनामी संपत्ति जिसमें अचल सम्पत्ति और कोल वाशरी शामिल हैं उसमें 170 करोड़,सौम्या चौरसिया को मनीष उपाध्याय और जय के ज़रिए 36 करोड़, राजनैतिक दल के वरिष्ठ राजनेता को 52 करोड़,छत्तीसगढ़ के विधायकों को 4 करोड़,पूर्व विधायक और राजनेता को 6 करोड़,झारखंड भेजी गई राशि 5 करोड़, बैंगलोर भेजी गई राशि 4 करोड़ रुपए लिखी गई है।





चालान में कई बयान और नाम का उल्लेख नहीं 




 ईडी के इस चालान में पूरा विषय सौम्या चौरसिया की इस रैकेट में केंद्रीय और प्रमुख भुमिका स्थापित करने को लेकर केंद्रित है। ईडी ने इसी को स्थापित करने वाले प्रमाण इस चालान के साथ पेश किए हैं। इसके अतिरिक्त यह चालान कई नाम का ज़िक्र करता है लेकिन उसके बावजूद कई नाम का ज़िक्र इस चालान में नहीं है। यह माना जा रहा है कि उन बयान या नाम का ज़िक्र आने वाले अन्य पूरक चालान/ चालानों में विस्तार से मिल सकता है।





बोले सौम्या के अधिवक्ता- भानुमति का पिटारा है, केवल राजनैतिक षड्यंत्र है




 सौम्या चौरसिया पर केंद्रित इस चालान में जो तथ्य और बतौर साक्ष्यों ईडी ने कोर्ट को पेश किए हैं वे अदालत में कितने मज़बूत होंगे यह आने वाले समय में समझ आएगा। लेकिन इस चालान के हवाले से सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता फैज़ल रिज़वी ने कहा है 

“यह चालान केवल भानुमति का पिटारा है, इधर का इंट उधर का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा से ज़्यादा इस चालान को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। यह चालान ये सारे आरोप केवल राजनीति से प्रायोजित हैं।हमें न्यायालय से न्याय मिलेगा।”


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