ED ने कोर्ट से कहा -जिस ताक़त से कोयला सिंडिकेट चला वह ताक़त CMO की सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट सौम्या चौरसिया से आती थी

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Yagyawalkya Mishra
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ED ने कोर्ट से कहा -जिस ताक़त से कोयला सिंडिकेट चला वह ताक़त CMO की सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट सौम्या चौरसिया से आती थी

Raipur. प्रवर्तन निदेशालय ने सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला मामले में सक्रिय माफिया की सबसे बड़ी ताक़त माना है। ईडी ने रायपुर कोर्ट को रिमांड नोट में बताया है कि,सूर्यकांत तिवारी के पास अकेले इतना प्रभाव नहीं था कि, वह राज्य मशीनरी जिसमें खनिज,पुलिस,कलेक्ट्रेट शामिल थे को प्रभावित कर सके।यह ताक़त उसे CMO की सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट सौम्या चौरसिया से मिलती थी।ED का दावा है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं कि सौम्या चौरसिया मुख्यमंत्री कार्यालय में अपने पद के कारण अपने प्रशासनिक अनुभव और रैंक से कहीं ऊँची ताक़त और प्रभाव रखती है।





ED के अनुसार सूर्यकांत तिवारी सौम्या की आँख और कान थे



 प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को सौंपे रिमांड नोट में बताया है कि, सौम्या चौरसिया के लिए सूर्यकांत तिवारी आँख और कान का काम करते थे। खुद को सुरक्षित रखने के लिए सौम्या चौरसिया ने सूर्यकांत तिवारी को अपने और ज़िला स्तर के अधिकारियों के बीच एक लेयर ( परत/परदा ) की तरह काम किया, जिसके माध्यम से सूचनाएँ आती थीं और निर्देश दिए जाते थे।सूर्यकांत तिवारी के पीछे की असली ताक़त/प्रभाव जिसकी वजह से यह वसूली सिंडिकेट चल सका वह ताक़त सौम्या चौरसिया के अनुचित प्रभाव था।









ED ने कोर्ट से कहा डोर जिसके हाथ में थी वह सौम्या चौरसिया



ED ने कोर्ट से कहा है कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि सूर्यकांत तिवारी को इस उगाही रैकेट को चलाने का काम सौंपा गया था। लेकिन डोर जिनके हाथ में वह ताक़त CMO में पदस्थ सौम्या चौरसिया थी। सूर्यकांत तिवारी द्वारा कोयला क्षेत्रों में नेटवर्क बिछाया गया जो 25 रुपए प्रति टन की दर से अवैध वसूली कर रहे थे। 15 जुलाई 2020 का शासन का आदेश जिसमें प्रक्रिया को मैन्युअल कर दिया गया था, पुलिस, कलेक्टर्स और खनिज अधिकारियों का पूरा सहयोग ये सब सौम्या चौरसिया की ताक़त और पहुँच की शत प्रतिशत बैकिग ( पूरी ताकत से समर्थन ) की वजह से ही संभव हुआ। कोर्ट को सौंपे रिमांड पत्र में ईडी ने बताया है कि,सूर्यकांत तिवारी ने सौम्या चौरसिया का नाम लेकर विभिन्न अधिकारियों पर ग़ैर क़ानूनी काम करने के लिए दबाव बनाया। IAS/IPS अधिकारियों की पोस्टिंग मनमुताबिक करा कर उनसे मदद ली गई।









ED के पास कई डिजिटल और अन्य साक्ष्य मौजूद



 ED ने कोर्ट को बताया है कि उसके पास कई डिजिटल और अन्य सबूत हैं जिससे साफ़ है कि सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया करीबी हैं।इनके बीच राजनैतिक आर्थिक करीबी संबंध हैं। ED ने बताया है कि सौम्या के ग़ैर क़ानूनी संवाद, सुझाव निर्देश सूर्यकांत तिवारी के माध्यम से ही दिए जाते हैं।









ED का दावा सूर्यकांत अंतिम लाभार्थी नहीं और साैम्या के अलावा अन्य ताकतवर भी शामिल





रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया है कि 2 साल में बिना एक भी FIR के लगभग 500 करोड़ की कमाई यह बताती है कि सभी आरोपी राज्य मशीनरी के किसी उपरी स्तर पर बैठे व्यक्ति के निर्देश के अनुसार कार्य कर रहे थे, सूर्यकांत तिवारी इस घोटाले का अंतिम लाभार्थी नहीं है।प्रवर्तन निदेशालय ने रिमांड नोट में लिखा है कि, साैम्या चाैरसिया के साथ अन्य शक्तिशाली भी शामिल हैं, हालांकि अभी प्रवर्तन निदेशालय ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि, वह अन्य शक्तिशाली कौन है या कि कौन कौन हैं।









इसलिए चाहिए रिमांड



 ED ने रिमांड का कारण बताते हुए लिखा है सौम्या चौरसिया एक जरुरी लिंक है, जिनसे पूरे षड़यंत्र का पता चल सकेगा और इस लूट के सभी लाभार्थियों को पहचाना जा सकेगा। ED के अनुसार सूर्यकांत तिवारी की डायरी में राशि देने की तारीख़ और सौम्या चौरसिया के परिजनों के नाम से ख़रीदी गई संपत्ति के लिए किए गए निवेश की तारीख़ें मेल खाती हैं।









90 दिन में चार गुना



ईडी ने संपत्तियों का ब्यौरा दिया है जिसके अनुसार ईडी ने यह दावा किया है कि संपत्ति 56 लाख में खरीदकर तीन महीने के भीतर 2.27 करोड़ में बेची गई ताकि अन्य नज़दीकी रिश्तेदारों के नाम पर ज़मीन चेक से ख़रीदी जा सके।एक ज़मीन के लिए 2 करोड़ दिए गए जबकि ईडी ने सबूत होने का दावा करते हुए कोर्ट को बताया है कि उस ज़मीन के लिए क़रीब साढ़े चार करोड़ नगद दिए गए। ईडी ने जिस संपत्तियों का ब्यौरा दिया है उसे लेकर यह संकेत हैं कि इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार कोल व्यापारी सुनील अग्रवाल की भी अहम भुमिका है।









व्हाट्सएप डिलीट हैंडसेट बदल दिए!



 ED ने कोर्ट को बताया है कि सौम्या के परिवार वालों ने ED द्वारा आफिस बुलाये जाने और आफिस आने से पहले व्हाट्सएप मैसेज डिलीट कर दिए, हैंडसेट बदल दिए और सवालों के गोलमोल जवाब दिए हैं।









विदेश से धन आया है !



प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया है कि, विदेश से रक़म आने के पुष्ट प्रमाण मिले हैं। यह रक़म अनगारंटेड लोन की तर्ज़ पर आई प्रतीत होती है।









बोले सौम्या के वकील फैजल -ईडी का रिमांड पत्र में तथ्य नहीं केवल कल्पना



सौम्या चौरसिया के वकील फैज़ल रिज़वी ने इस रिमांड नोट तथ्यों से परे केवल कल्पना बताया है।उन्होंने द सूत्र से कहा







“यह ईडी का रिमांड नोट तथ्यों पर नहीं कल्पनाओं पर आधारित ज़्यादा है। रिमांड नोट में अधिकतर शब्द संभावना मूलक हैं। जहां तक संपत्ति का मसला है तो कोई भी संपत्ति जिसका ब्यौरा ईडी दे रही है, वह सौम्या के नाम पर नहीं है।किसी का रिश्तेदार विदेश में है वह अपनी माँ को कुछ दे या कोई संपत्ति ख़रीदे तो दोषी हो जाएगा क्या ? दरअसल यह मसला राजनैतिक है, भानुप्रतापपुर में उप चुनाव है, बीजेपी के प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम के खिलाफ 2019 में दर्ज गैंगरेप और देह व्यापार में प्रेरित करने का मामला सामने आया है इस का खुलासा कांग्रेस ने किया, इसी बौखलाहट में यह कार्यवाही हुई है।”



ED का रिमांड नोट सीएम बघेल की उप सचिव साैम्या चाैरसिया के खिलाफ आरोपों का ब्याैरा दिया कोयला घाेटाला उगाही सिंडिकेट में साैम्या के अलावा अन्य ताकतवर का भी जिक्र