याज्ञवल्क्य, Raipur. दो हजार रुपए की नोट बंदी से नक्सलियों की तिलमिलाहट अब बाजरिया विज्ञप्ति सामने आ गई है। माओवादियों की ओर से जारी विज्ञप्ति में इस फैसले को ब्राम्हणीय हिंदुत्व फासीवादी करार दिया है। माओवादियों इस फैसले के खिलाफ आंदोलन करने की बात लिखी है। नोट बंदी के फैसले के बाद लगातार खबरें हैं कि नक्सली हलाकान परेशान है। पुलिस ने हालिया दिनों आठ लाख रुपए के साथ दो ग्रामीणों को पकड़ा था। इन्हें नक्सलियों ने खातों का ब्यौरा देकर जमा कराने भेजा था।
नोट खपाने में मुश्किल, पुलिस सख्त
नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्रों में यह खबरें बहुत विश्वसनीय रुप से मौजूद है, जिसमें यह बताया गया है कि, नक्सलियों के पास लाखों रुपए दो हजार के नोट की शक्ल में हैं, लेकिन पुलिस ने बैंकों में सख्ती बढ़ा दी है। यह सख्त इस कदर है कि, माओवादी ग्रामीणों के जरिए नक्सलियों का नोट लेकर बैंक पहुंचा नहीं पा रहे हैं। दक्षिण बस्तर में जबकि आठ लाख रुपए के साथ ग्रामीणों को पकड़ा गया उसके बाद यह पुष्टि हो गई कि, माओवादियों के लिए दो हजार के नोट अब परेशानी का सबब है। पुलिस बस्तर से लेकर राजनांदगांव मोहला इलाके तक के हर बैंक पर नजर गड़ाए बैठी है। खबरें हैं कि जिस भी खाते में उसे असामान्य सक्रियता दिख रही है, उसकी जानकारी ली जा रही है।अधिकृत रुप से पुलिस इस मसले पर कुछ नहीं बोल रही है।
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क्या लिखा है माओवादियों ने?
माओवादी विज्ञप्ति जिसे दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के प्रवक्ता समता ने जारी किया है। उस विज्ञप्ति में 2016 के नोट बंदी का जिक्र करते हुए 106 लोगों के मारे जाने की बात लिखी गई है। बौखलाए नक्सलियों ने नोटबंदी को ई-कॉमर्स कंपनियों और अडानी रिलायंस का जिक्र करते हुए आरोप लगाया है कि यह फैसला उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।