AMBIKAPUR. छत्तीसगढ़ के सरगुजा इलाके में हाथियों की दहशत की खबरें तो आप पढ़ते ही रहते हैं। ये जंगल से लगे आबादी क्षेत्रों में घुस आते हैं, तोड़फोड़ करते हैं और लोगों की जान ले लेते हैं। लेकिन, इस बार तो हद ही पार हो गईं। 19 जनवरी, गुरुवार की सुबह एक हाथी सीधे अंबिकापुर शहर में दाखिल हो गया और एक बांस बाड़ी की दीवार को तोड़कर अंदर घुसकर तबाही मचाने लगा। पास में ही वन विभाग के बड़े अफसर सीसीएफ का बंगला है, यहां खतरे की आशंका बनी हुई है। खतरा इस बात का भी था कि शहर के भीड़भाड़ और व्यस्त इलाके में हाथी न घुस जाए।
जैव विविधता केंद्र के नजदीक तोड़ी दीवार
वन और पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी जंगली हाथी को सुरक्षित तरीके से बाहर निकालने की कोशिश करते रहे। हाथी के शहर में आ जाने से गोधनपुर, प्रतापपुर रोड, रामानुजंगज रोड, सोनपुर क्षेत्र में लोग डरे-सहमे रहे। हाथी के बांसबाड़ी में मौजूदगी के बीच वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। सुरक्षित दूरी बनाकर मुआयना किया तो पता चला कि वह वहां तोड़फोड़ मचा रहा है। वहां बने जैव विविधता केंद्र के नजदीक एक दीवार को अपनी सूंड के सहारे तोड़ दिया। इसके अलावा बांसबाड़ी के अहाते को दो जगहों पर तोड़ते हुए सीधे वन अफसरों की की कॉलोनी तक पहुंच गया। हाथी वहां से भी आगे बढ़ गया और मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) के बंगले तक जा पहुंचा। खदेड़ने की कोशिश की गई तो वापस बांसबाड़ी में आकर पनाह ली।
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हाथी भड़क गया तो हो सकती है बड़ी मुसीबत
वन कर्मचारी भले ही हाथी पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन उसे खदेड़ने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। दरअसल, दिन के उजाले में जब सभी ओर चहल-पहल है तो लोगों को रोकना संभव नहीं है। दूसरा, हाथी भड़क गया तो खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। इसीलिए उम्मीद की जा रही है कि नर्सरी में शाम तक रहने के बाद वह खुद से जंगल की ओर जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ड्रोन से भी उसकी निगरानी की जा रही है और रात होने का इंतजार किया जा रहा है।