AMBIKAPUR. दो दिन पहले अंबिकापुर शहर की सीमा के अंदर जंगली हाथी घुस आया था। अब तक माना जा रहा था कि वह बिना किसी पर हमला किए या नुकसान पहुंचाए जंगल में चला गया था। लेकिन, 22 जनवरी, रविवार सुबह उसी जगह पर एक व्यक्ति की लाश मिली है। लक्षण भी हाथी के कुचलने के ही हैं। ऐसे में स्पष्ट हो गया है कि हाथी ने एक व्यक्ति की जान ले ली थी। वन विभाग ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस मामले की पुष्टि कर दी हैं।
सरगंवा जैव विविधता केंद्र में घुस आया था हाथी
आपको बता दें कि बीते 19 जनवरी को जंगल से भटककर एक हाथी शहर से लगे सरगंवा जैव विविधता केंद्र में घुस आया था। इसकी दीवार गिराने के साथ ही बांसबाड़ी होते हुए वन अधिकारियों की कॉलोनी में भी पहुंच गया था। यहां मुख्य वन संरक्षक के बंगले के अहाते की दीवार ढहाने के साथ हाथी अंबिकापुर-रामानुजगंज मुख्य मार्ग को पार कर तकिया रोड और शिकारी रोड के बीच छोटे झाड़ के जंगल में पहुंचा था। यहां कई घंटे हाथी की मौजूदगी रही। हाथी दो दिनों तक इसी इलाके में विचरण भी करता रहा। इसके बाद वन विभाग उसे अंबिकापुर-पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्ग पार करा लुचकी व लाल माटी इलाके में सुरक्षित तरीके से भेजने में कामयाब रहा।
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खैरवार का रहने वाला था मृतक
22 जनवरी, रविवार की सुबह गाड़ाघाट से लगे छोटे झाड़ के जंगल के बीच स्थित तालाब के पास खैरवार निवासी 55 वर्षीय प्रकाश केरकेट्टा की लाश मिली। जबकि हाथी भी इसी इलाके में मौजूद था। लिहाजा पूरी आशंका जताई जा रही है कि हाथी ने ही उसकी जान ली होगी। हालांकि वन विभाग के अफसर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि होने और इस बात को स्वीकार लिया है।
हाथी के भड़कने का पहले से था डर
वन कर्मचारी भले ही हाथी पर नजर बनाए हुए थे, लेकिन उन्हें हाथी के भड़कने का डर पहले से ही बना हुआ था। दरअसल, दिन के उजाले में जब सभी ओर चहल-पहल थी तो लोगों को रोकना संभव नहीं था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ड्रोन से भी हाथी की निगरानी की गई थी और रात होने के बाद उसको भगाने के प्रयास किए गए थे।