JAGDALPUR. चुनावी साल में शराबबंदी का मुद्दा गरमा गया है। सीएम भूपेश के बाद अब आबकारी मंत्री कवासी का बड़ा बयान आया है। लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोग पीना छोड़ दें तो अभी शराबबंदी कर दूंगा इसमें कुछ भी गलत नहीं है। छत्तीसगढ़ के शेष हिस्से से बस्तर की स्थितियां अलग हैं। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी हो सकती है, लेकिन उनके जिंदा रहते बस्तर में तो शराबबंदी नहीं होगी। इन दिनों प्रियंका गांधी वाड्रा के बस्तर दौरे की तैयारी जोरों पर हैं। इसकी तैयारियों का जायजा लेने के बाद कवासी लखमा ने मीडिया से चर्चा की। इस दौरान कवासी लखमा ने कहा कि विदेश में सभी लोग शराब पीते हैं। बस्तर में 90 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं, लेकिन शराब पीने का स्टाइल नहीं जान रहे हैं। कम मात्रा में शराब पीने से कोई नहीं मरता। अधिक मात्रा में शराब का सेवन नुकसान दायक है। यहां बस्तर में श्रमिक कठिन परिश्रम करते हैं और इनमें कुछ शराब पीते हैं। दवाई के रूप में इसका सेवन करते हैं।
ग्रामसभा की अनुमति के बिना शराबबंदी कोई सरकार नहीं कर सकती
आज मीडिया से चर्चा के दौरान लखमा ने कहा कि बस्तर में पांचवी अनुसूची और पेसा कानून लागू है और ग्रामसभा को बड़े निर्णय लेने का अधिकार है। यहां ग्रामसभा की अनुमति के बिना शराबबंदी केंद्र हो या राज्य कोई सरकार नहीं कर सकती। ग्रामसभा जब चाहेगी, तभी यहां शराबबंदी हो सकती है लेकिन उनका विश्वास है कि ग्रामसभा और सर्व आदिवासी समाज इसका समर्थन नहीं करेगा।
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लोग दिन भर मेहनत मजदूरी करने के बाद शराब पीकर थकान मिटाते हैं
लखमा ने कहा कि बस्तर की आदिवासी संस्कृति में धार्मिक अनुष्ठान से लेकर सामाजिक कार्यक्रमों में शराब का उपयोग करने की पंरपरा है। यहां के लोग परिश्रमी हैं और इनमें कई दिन भर मेहनत मजदूरी करने के बाद शराब पीकर थकान मिटाते हैं। वह भी ग्रामीण क्षेत्र से आदिवासी हैं। तेंदूपत्ता तोड़ने से लेकर मिट्टी खोदने सहित सभी काम किया हूं, मुझे पता है कि कितना परिश्रम करना पड़ता है। वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह के बयान कहा कि रमन सिंह ने कभी बोरा उठाने का काम नहीं किया इसलिए उन्हें मजदूर के परिश्रम की जानकारी नहीं है।
महिला के सवाल पर सीएम भूपेश ने दिया था जवाब
गौरतलब है कि दुर्ग जिले में शुक्रवार को भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान एक महिला ने सीएम भूपेश से कहा था कि प्रदेश में जल्दी शराबबंदी कर दें। इसपर सीएम भूपेश ने कहा कि वे 1 मिनट में प्रदेश में शराबबंदी की घोषणा कर सकते हैं लेकिन लोगों की जान से ज्यादा कुछ नहीं है। शराबबंदी के बाद लोग चोरी छिपे शराब पीएंगे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है लॉकडाउन, उस समय पूरा देश बंद था लेकिन फिर भी लोगों को शराब मिलनी बंद नहीं हुई, लोग शराब पीना बंद कर दें, शराबबंदी अपने आप हो जाएगी।