GARIYABAND. जिले में प्रशासनिक अफसरों और पुलिस के बीच उस समय हड़कंप मच गया जब पता चला कि किसानों और उनके परिवार के लोगों ने नेशनल हाईवे 130 सी को जाम करते हुए धरने पर बैठ गए हैं। इससे वहां गाड़ियों की कतार लग गई है। आनन-फानन में पहुंचे पुलिस अफसरों और प्रशासनिक अफसरों ने घंटों उन्हें समझाइश दी और उनकी समस्या के निराकरण के लिए पहल किए जाने की बात कही तब वे माने और चक्काजाम समाप्त किया।
यह है पूरा मामला
मामला सुबह नौ बजे का है। दरअसल, जिले के ट्राइबल ब्लॉक मैनपुर के कंडेकेला के किसान इन दिनों धान बेचने को लेकर परेशान हैं। अभी उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए जिस गांव की सहकारी समिति में जाना पड़ रहा है, वह काफी दूर है। दूरस्थ अंचल से वहां तक जाना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में वे सालों से मांग कर रहे हैं कि गांव में या आसपास कहीं धान खरीदी केंद्र की व्यवस्था की जाए। लेकिन, कोआपरेटिव बैंक और सहकारिता विभाग के साथ ही प्रशासनिक अफसर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अधिकारियों ने किसानों को समझाया
इस बार भी उन्होंने हर स्तर पर अपनी मांग रखी पर उनकी मांग को टाल दिया गया और सिर्फ आश्वासन देते रहे। अब जब खरीदी शुरू हो गई है तो फिर किसानों को जूझना पड़ रहा है। लिहाजा अब उन्होंने आर-पार की लड़ाई की सोची और स्वयं व अपने परिवार के सदस्यों को भी लेकर वे नेशनल हाईवे 130 सी देवभोग से रायपुर मार्ग में ध्रुवागुड़ी के पास पहुंच गए। यहां उन्होंने चक्काजाम कर दिया। देखते ही देखते यहां सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतार लगने लगी और वाहन चालक परेशान होने लगी। तब उनमें से किसी ने चक्काजाम की जानकारी पुलिस को दी। इस पर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। साथ ही प्रशासनिक अफसरों को भी बुलाया गया। उनकी मौजूदगी में किसानों से चर्चा की गई। लेकिन, किसान मानने को तैयार नहीं थे। लंबी समझाइश के बाद जब किसानों को लगा कि उनकी मांगें अब मान ली जाएंगी, साथ ही कार्रवाई के डर से भी उन्होंने जाम समाप्त किया। तब जाकर वाहन चालकों ने राहत की सांस ली और जाम समाप्त हुआ।