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BILASPUR. जिले के कोटा क्षेत्र में बड़ी और हृदयविदारक घटना सामने आई है। रेलवे ट्रैक पार करते समय महिला का पति और बेटा आगे चल रहे थे और उनके ठीक पीछे महिला थी। तभी ट्रैक पर ट्रेन आ गई और महिला की आंखों के सामने ही दोनों उसकी चपेट में आ गए। बाद में दोनों की मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। कोटा के कोटसागरपारा में रहने वाला श्याम कारे रोजी-मजदूरी करता था। उनकी पत्नी तुलसी और बेटा उमेश भी उसके साथ में ही काम करते थे। वे शाम के समय कोटा में रहने वाले अपने रिश्तेदार के घर गए थे, जहां श्याम और उमेश ने ही शराब पी। फिर खाना खाने के बाद तीनों रात में अपने घर जाने के लिए निकले।
धड़धड़ाते हुए ट्रेन उनके ऊपर से गुजर गई
रेलवे फाटक के पास पहुंचे तो देखा कि फाटक बंद है और ट्रेन गुजरने वाली है। इसके बाद भी वे ट्रैक की ओर आगे बढ़ गए। उनके पीछे तुलसी बाई चल रही थी। जैसे ही बाप-बेटा ट्रैक पर पहुंचे, तभी धड़धड़ाते हुए ट्रेन उनके ऊपर से गुजर गई। हालांकि ट्रेन के गुजरने के बाद भी दोनों जीवित थे। अपनी आंखों के सामने पति और बेटे के साथ इतनी बड़ी घटना देखकर तुलसी के तो होश उड़ गए। फिर जैसे- तैसे खुद को संभाला और आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी। लोगों की मदद से बाप- बेटे को कोटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
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महिला पर गिरा दुखों का पहाड़
वहां डाक्टरों ने बेटे उमेश को मृत घोषित कर दिया। जबकि घायल श्याम को बिलासपुर सिम्स रेफर किया गया। लेकिन, सिम्स आते हुए रास्ते में ही श्याम ने भी दम तोड़ दिया। दोनों के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। वहीं अब तुलसी के जीवन में दुखों का पहाड़ खड़ा हो गया है। उसे सबसे ज्यादा आहत इस घटना के उसके आंखों के सामने होने से हुआ है, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। साथ ही बार-बार खुद को कोस रही है कि उसने बाप-बेटे को ज्यादा शराब पीने से और ट्रैक पार करते समय भी रोका टोका क्यों नहीं। वरना इतनी बड़ी घटना नहीं होती।
आपके गुजरने से बढ़िया है ट्रेन को गुजरने दें
इस घटना ने बड़ी सबक दी है कि ट्रेन के गुजरने तक आप रुकते हैं तो कुछ समय की ही देरी होती है। लेकिन, आपने जल्दबाजी की और आप गुजर गए तो खुद की जान से तो हा​थ धोएंगे ही, साथ ही परिवार पर भी दुखों का पहाड़ खड़े हो जाता है। इसे लेकर रेलवे के साथ ही स्कूलों के पाठ्यक्रमों में भी बचपन से पढ़ाया जाता है, फिर भी लोग चंद समय बचाने के लिए ऐसे खतरे मोल ले लेते हैं और उसका बड़ा अंजाम भी झेलते हैं। यही चंद समय श्याम और उमेश ने नहीं बचाने की सोचते तो दोनों जिंदा होते।
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