RAIPUR. राजधानी समेत पूरे प्रदेश में फर्जी फार्मेसी का फर्जी डिप्लोमा/डिग्री प्राप्त करने वालों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 और फर्जी फॉर्मासिस्ट को गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि पुलिस ने छग स्टेट फॉर्मेसी काउंसिल रायपुर के रजिस्ट्रार के आवेदन पर प्रदेश के 28 फॉर्मासिस्टों पर धोखाधड़ी समेत कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। 1 मार्च, बुधवार को पुलिस ने 9 फर्जी फार्मासिस्टों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
2021 एवं 2022 में फॉर्मेसी डिप्लोमा किए थे पेश
इसके बाद 2 मार्च, गुरुवार को पुलिस ने प्रदेश के कई अलग-अलग जिलों से 3 महिला समेत कुल 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस इस मामले में अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन सभी पर आरोप है कि सन् 2021 एवं 2022 में फॉर्मेसी डिप्लोमा/ डिग्री को पंजीयन के लिए कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किए गए थे। आवेदन पत्रों से संलग्न फॉर्मेसी डिप्लोमा/डिग्री की जांच कराया गया था।
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मप्र के सागर की एसवीएन के नाम का भी फर्जी सार्टिफिकेट मिला
जांच के दौरान सनराइस यूनिवर्सिटी बैगाड राजपुर राजस्थान, स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर मप्र और उत्तर प्रदेश फार्मेसी कांउसिल लखनउ से प्राप्तकर फर्जी सार्टिफिकेट छत्तीसगढ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में लगाए आवेदन में ज्यादात्तर प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए थे। फिलहाल तेलीबांधा थाना पुलिस ने तुला राम साहू, खैरागढ़, रविन्द्र कुमार साहू, बलौदा बाजार, रजनी यादव कोरबा, अनुदिव्या ताड़िया कोरिया समेत राधिका साहू जांजगीर-चांपा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गौरतलब है कि पुलिस इस मामले में कई और लोगों की गिरफ्तारी करने की बात कर रही है।
आरोपियों ने फॉर्मेसी की फर्जी डिग्री के लिए लाखों रुपए खर्च किए थे
बताया गया कि आरोपियों ने फॉर्मेसी की फर्जी डिग्री के लिए लाखों रुपए खर्च किए थे। पकड़े गए आरोपियों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। इसमें कुछ एजेंटों के नाम सामने आए हैं। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पैसे लेकर फर्जी डिग्री देने वाला गिरोह छत्तीसगढ़ के अलावा पूरे देश में सक्रिय है। पुलिस अब यूनिवर्सिटी के नाम से फर्जी डिग्री बनाने वालों की जानकारी जुटाने में लगी है, उसके बाद उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।