AMBIKAPUR. जिले के वाड्रफनगर में एक बार फिर लकड़ी तस्करी का मामला सामने आया है। इस बार वन विभाग की टीम ने लकड़ी से भरे पिकअप का पीछा किया। चालक ने भी उत्तर प्रदेश का रास्ता पकड़ा और प्रदेश की सीमा से 60 किलोमीटर दूर रेणुकूट से पहले एक रेलवे क्रासिंग के पास पकड़ा। दरअसल, सामने रेलवे क्रासिंग थी, जिसमें से ट्रेन गुजर रही थी। वन अमला पहुंचा तो ड्राइवर गाड़ी छोड़कर भाग गया। पुलिस के हाथ सिर्फ लकड़ी और पिकअप आए, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। वाड्रफनगर वनपरिक्षेत्र में साल, सागौन समेत दूसरी महंगी व इमारती लकड़ियों की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है।
मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की रेड
यहां से लकड़ियों को गाड़ियों में भरकर उत्तर प्रदेश और झारखंड ले जाया जाता है। इस बार भी वन विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि साल की सात नग बड़ी लकड़ियां पिकअप में लोड कर उत्तर प्रदेश ले जाई जा रहीं हैं। वनपरिक्षेत्राधिकारी वाड्रफनगर प्रेमचंद मिश्रा के नेतृत्व में टीम गश्त करते हुए तस्करों की तलाश कर रही थी। तभी देर रात उन्हें उत्तर प्रदेश की पासिंग वाला पिकअप नजर आया, जिस पर यूपी 64 डी 8429 नंबर लिखा हुआ था। इस दौरान तस्करों को भी पता चल गया कि उनका पीछा किया जा रहा है। फिर क्या था, चालक ने गाड़ी को उत्तर प्रदेश की ओर ले लिया और रेणूकुट मार्ग पर तेजी से भगाने लगा। वन विभाग की टीम ने भी हार नहीं मानी और उनका पीछा करते रहे। ऐसा ही करते हुए छत्तीसगढ़ की सीमा से वे 60 किलोमीटर दूर रेणूकुट तक आ गए। इससे पहले वे अभी रंगटोला पहुंचे थे कि सामने रेलवे क्रॉसिंग आ गई। अभी फाटक बंद था और ट्रैक से ट्रेन गुजर रही थी। ऐसे में टीम तस्करों की गाड़ी के पास पहुंच ही गई। लेकिन, तस्कर भी उन्हें देखकर चालक समेत गाड़ी को छोड़कर भाग निकले।
चार लाख की संपत्ति जब्त
वन विभाग की टीम द्वारा स्थानीय थाने में मामले की सूचना दी गई और लकड़ी व पिकअप को जब्त कर वाड्रफनगर लाया गया। जब्त लकड़ी व वाहन समेत जब्त की गई कुल संपत्ति को चार लाख का बताया गया है। वहीं इस मामले में छत्तीसगढ़ उपज व्यापार विनियमन अधिनियम व अभिवहन समेत अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।