KORBA. छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में शिकारियों के करंट से जानवरों की लगातार जानें जा रही है। हालांकि वन विभाग के अफसर वन्यप्राणियों के शिकार की रोकथाम के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। इस बीच कोरबा जिले में एक बार फिर करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर चार मवेशियों की मौत हो गई। यह तार शिकार के लिए लगाया गया था। शिकारियों ने अपनी पोल खुलने के भय से मवेशियों को सूखे पत्ते और डंगाल से ढंक दिया था। अब वन विभाग की टीम ने वैधानिक कार्रवाई पूरी करते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
करंट वाले तार में फंसकर चार भैंसों की मौत
जानकारी के अनुसार कोरबा वनमंडल कार्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर गोढ़ी गांव की है। यहां के बबलू यादव ने अपनी चार भैसों को बीते दिनों चरने के लिए छोड़ दिया था, लेकिन भैंस घर नही पहुंची। बबलू अपने स्तर पर भैंसो की खोजबीन कर रहा था, जब सुबह ग्रामीण जंगल पहुंचे तो दुर्गंध आने लगी। इससे ग्रामीणों को जंगल में वन्यप्राणी की मौत की आशंका हुई। ग्रामीणों की सूचना के बाद वनकर्मी गोढ़ी और जंगल के कक्ष बांसबाड़ी पहुंचे। वन कर्मियों ने 11 केवी करंट प्रवाहित तार छह सात फीट की उंचाई पर लटक रहा था। वहीं अलग-अलग स्थान पर भैंस मृत पड़े हुए थे। मवेशियों को सूखे पत्ते से ढंका गया था, जिससे दुर्गंध उठ रहा था।
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मवेशियों को सूखे पत्ते और डंगाल से ढंका
वहीं वन विभाग द्वारा संभावना जताई जा रही है कि शिकार के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर मवेशियों की मौत हुई होगी। शिकारियों ने अपनी पोल खुलने के भय से मवेशियों को सूखे पत्ते और डंगाल से ढंका होगा। मृत मवेशी भागीरथी के थे। शिकारियों के लगाए गए फंदे से वन्य प्राणी तो बच गए, लेकिन चार मवेशियों की मौत हो गई। बहरहाल वनकर्मियों ने वैधानिक कार्रवाई पूरी करते हुए जांच शुरू कर दी है।