Dantewada। सघन नक्सल प्रभावित इलाक़े दंतेवाड़ा के ज़िला मुख्यालय के आख़िरी छोर पर मौजूद बस्ती चूड़ीटेकड़ा माझी पदर में चार सिग्नल सेल बरामद होने के मामले में पुलिस ने विशेष जाँच दल गठित किया है। यह दल इस बात की जाँच करेगा कि, ये चार सेल जो कि तकनीकी रुप से डिफ़्यूज़ थे वे नष्टीकरण की कार्यवाही के दौरान नदी किनारे कैसे पहुँचे।इस जाँच दल की अगुवाई एडिशनल एसपी दंतेवाड़ा कर रहे हैं।यह मामला तब सामने आया जबकि सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने सिग्नल सेल की तस्वीरों को ट्वीट कर यह सवाल किया कि, यह किस प्रकार के विस्फोटक है जो आंगनबाड़ी के बच्चे खेत से खिलौना समझ उठा लाए हैं।
कप्तान दंतेवाड़ा सिद्धार्थ तिवारी का दावा है कि हथियार या कि विस्फोटक की तरह दिखते इस सेल की सूचना आंगनबाड़ी से एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने उसे बरामद कर नष्ट कर दिया। इस मामले में कि, यह सेल कैसे नदी किनारे पहुँचे जाँच की जा रही है। दंतेवाड़ा पुलिस के अनुसार पुलिस लाइन में मियाद पुरी हो चुके कई सेल को नष्ट किया जाना था।यह नष्ट करने की कार्यवाही 29 अप्रैल को की गई थी।इस दौरान 4 सेल जो मिसफायर और तकनीकि रुप से डिफ़्यूज़ था वह नदी किनारे बरामद हुआ है।दंतेवाड़ा पुलिस इस तथ्य पर कि सेल जिसे कि विस्फोटक के रुप में प्रारंभिक तौर पर ग्रामीणों ने पहचाना उससे बच्चे खेल रहे थे, इसे ख़ारिज कर रही है।
क्या होता है सिग्नल सेल
सिग्नल सेल रोशनी और रंग के लिए इस्तेमाल होता है, इसे विस्फोटक की श्रेणी में नहीं रखा जाता।इस सेल से गहरी रोशनी और रंग निकलता है जो कि लोकेशन को स्पष्ट करने या कि लोकेशन को समझने के लिए इस्तेमाल में आता है।
लेकिन सवाल गंभीर है
दंतेवाड़ा पुलिस जोर देकर कह रही है कि,यह विस्फोटक नहीं थे, लेकिन यह सवाल गंभीर है और अब तक अनसुलझा भी कि, यदि यह विस्फोटक नहीं थे तो भी यह नष्ट करने की जहां प्रक्रिया हो रही थी वहाँ ना होकर नदी किनारे कैसे पहुँच गए।