गरियाबंद में महुआ बीनने गए लोगों ने देखा तेंदूआ का शव, वन विभाग के अधिकारियों की दी सूचना तो हुआ बड़ा खुलासा

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गरियाबंद में महुआ बीनने गए लोगों ने देखा तेंदूआ का शव, वन विभाग के अधिकारियों की दी सूचना तो हुआ बड़ा खुलासा












 




GARIYABAND. गरियाबंद जिले में एक तेंदुए की मौत का मामला सामने आया है। जिले के पांडुका वन परिक्षेत्र के जंगल में तेंदुए का शव मिलने से इलाके में दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंडरीपानी के ग्रामीण जंगल में महुआ बीनने गए हुए थे तब स्थानीय लोगों को दुर्गंध आने के कारण इधर उधर देखने लगे। तभी उन्होंने एक बड़ा तेंदुआ झाड़ियों के पास पड़ा हुआ देखा। ग्रामीणों ने पहले गांव वालों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों को तेंदुए के जंगल में पड़े होने की सूचना दी गई।




सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी




पूरे मामले की सूचना जब वन विभाग को मिली। सूचना मिलने के बाद वन विभाग के कर्मचारी जंगल पहुंचे, उनके साथ तीन डॉक्टरों की टीम भी पहुंची। तेंदुए का पोस्टमॉर्टम कराया गया, उसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया। इसमें लीवर और फेफड़े में संक्रमण पाया होना बताया और इसके जांच के लिए सैंपल तैयार कर जांच के लिए लैब भेज दिया गया। साथ मृत तेंदुए का अंतिम संस्कार जंगल में ही कर दिया गया। इस मामले की विस्तार से जांच की जा रही है।




बिलासपुर में भी पिछले महीने तेंदुए की हुई है मौत



बिलासपुर में पिछले महीने शिकारियों के जाल में फंसकर घायल हुए तेंदुए की मौत हो गई थी। दरअसल, बिनौरी गांव से उसे रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जू लाया गया था। वह पूरी तरह जख्मी थी। इसलिए जू के अस्पताल में ही रखकर उपचार किया जा रहा था। लेकिन जू प्रबंधन उसकी जान नहीं बचा सका। बता दें कि मृत तेंदुआ डेढ़ साल का शावक था और मां से भटककर गांव पहुंच गया था। बिलासपुर वन मंडल और कानन पेंडारी जू की टीम ने उसे रेस्क्यू किया था। पिंजरे के अंदर आते ही तंदुएके पेट व पीठ पर गहरा जख्म दिखाई दिया, जिसके कारण वह दर्द में था। लिहाजा उसे जू में रखकर उपचार करने का निर्णय लिया गया था।


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