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GARIYABAND. भारत में लगातार घटते बाघों की संख्या के बीच लंबे समय बाद गरियाबंद के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व एरिया में बाघ होने की पुष्टि हुई है। बाघ की फोटो ट्रैप कैमरा में कैद हुई है। 25 दिनों तक कैमरा लगाने के बाद वन विभाग को नर बाघ की फोटो दो अलग-अलग ट्रैप कमरों में मिली है। साथ ही वन विभाग को बाघ के पद चिन्ह और मल भी मिले हैं।
ट्रैप कैमरा में कैद हुई फोटो
इस मामले में फोटो की पहचान कराने जब बाघों से जुड़ी उच्च संस्था नागपुर व दिल्ली को फोटो भेजी गई तो नए बाघ के रूप में इसकी पुष्टि हुई है। वहीं खास बात यह है कि 4 साल पहले 2019 में वन विभाग को मादा बाघिन की फोटो मिली थी। अब नर बाघ की फोटो सामने आई है। इससे उदंती के जंगलों में बाघ की संख्या भविष्य में और बढ़ने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वन भैंसा भी उदंती के जंगलों में मौजूद है। ऐसे में अब इसी जंगल में राष्ट्रीय पशु बाघ की पुष्टि होने से उदंती इलाके का महत्व और बढ़ेगा। वन विभाग इसे लेकर खासा उत्साहित है और बाघ के संरक्षण संवर्धन के लिए रणनीति बनाने में जुटा हुआ है।
उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट के उपनिदेशक वरुण जैन ने कहा कि यह अच्छी खबर है कि अब उदंती के जंगलों में भी बाघ की दहाड़ सुनाई देगी।
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इस साल अस्तित्व में आया था टाइगर रिजर्व
सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व 2008-2009 में अस्तित्व में आया था। इसमें दो अलग-अलग रिजर्व (उदंती और सीतानदी वन्यजीव अभयारण्य) को एक साथ मिलाया गया। ये छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित है। इसमें एशियाई जंगली भैंस कोर एरिया में पाई जाने वाली प्रमुख लुप्तप्राय प्रजाति है। बाघ के अलावा अन्य लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों में भारतीय वुल्फ,तेंदुआ,स्लॉथ बीयर और माउस हिरण शामिल हैं। सीतानदी नदी का उद्गम स्थल सीतानदी वन्यजीव अभयारण्य के मध्य से होता है। उदंती नदी उदंती वन्यजीव अभयारण्य के एक बड़े हिस्से को कवर करती है जो पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है।