KAWARDHA. कवर्धा के हरमो गांव में 3 मार्च को पुलिस के ऊपर हुए हमले के मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 10 मार्च, शुक्रवार को नगर में रैली निकाली। इन्होंने कलेक्टर कार्यालय घेराव करने की कोशिश भी की। इस दौरान पुलिस ने सौ मीटर पहले ही बैरिगेट्स लगाकर इन्हें रोक दिया। वहीं गोंगपा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए गोंगपा जिलाध्यक्ष जे लिंगा सहित सभी 60 कार्यकर्ताओं को रिहा कर मामले की निष्पक्ष जांच एवं सीबीआई जांच कराने की मांग की।
राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। वहीं प्रशासन ने ज्ञापन को शासन स्तर पर प्रेषित करने की बात कही। आपको बता दें कि हरमो मामले में एसपी, एडिशनल एसपी सहित 23 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिसके बाद पुलिस ने गोंगपा के 60 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
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आदिवासी समुदायों में झंडा लगाने के नाम पर हुआ था विवाद
बता दें कि कवर्धा जिले में आदिवासी समुदाय के मंदिर में झंडा लगाने के नाम पर भारी विवाद हो गया था। यहां दो गुटों में जमकर मारपीट हुई और बीच—बचाव करने पहुंची पुलिस बल पर भी हमला किया गया था। हमले में एसपी लाल उमेद और एएसपी मनीषा रावटे सहित कई टीआई और जवान चोटिल हो गए थे। दरअसल, गांव के लोग मंदिर में धार्मिक झंडा लगाने के पक्ष में थे। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोग अपने पार्टी का झंडा लगाना चाहते थे। ग्रामीणों के विरोध से गुस्साए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों ने उन पर लाठी डंडे से हमला कर दिया। इस बीच पुलिस से झड़प हुई और कई पुलिस वाले चोटिल हो गए। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लगभग 5 दर्जन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और उन पर कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया।