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BILASPUR. बिलासपुर में नए कांग्रेस भवन के लिए जमीन आवंटन मामले में आज सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने विभिन्न दस्तावेजों को एक पेपर बुक में बनाकर जमा करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने किसी प्रकार का स्टे ना होने के कारण अंतिम सुनवाई के लिए प्रकरण को अप्रैल में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से किशन साहू, कांग्रेस कमेटी की ओर से सुदीप श्रीवास्तव राज्य शासन की ओर से राघवेन्द्र प्रधान एडिशनल एजी और नगर निगम की ओर से हर्ष वर्धन अग्रवाल ने पक्ष रखा है।
नए कांग्रेस भवन के भूमि आवंटन को चुनौती
जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके. चंद्रवंशी की खण्डपीठ में बिलासपुर में नए कांग्रेस भवन के लिए भूमि आवंटन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बिलासपुर शहर में पहले ही एक भूखण्ड कांग्रेस कार्यालय के लिए आवंटित होने के आधार पर दोबारा जमीन आवंटन को चुनौती देने का तर्क दिया।
आवंटन करने का पूरा अधिकार
प्रत्युत्तर में कांग्रेस कमेटी की ओर से बताया गया कि उक्त भूमि आवंटन राज्य शासन की कैबिनेट ने किया है और कैबिनेट को राजस्व पुस्तक परिपत्र के अनुसार इस तरह का आवंटन करने का पूरा अधिकार है और आवंटन में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है। अस्पताल के लिए आवश्यक भूमि पहले ही आवंटित हो चुकी है। अतः भूमि आवंटन में कोई समस्या नहीं है।
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मामला क्यों गरमाया
जमीन आवंटन के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया के दौरान भी नगर निगम और एसडीएम कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराई गई थी जिसमें कहा गया था कि पुराना बस स्टैंड स्थित जिस भूखंड को कांग्रेस कार्यालय भवन के लिए आवंटित किया जा रहा है, वह अस्पताल के लिए पहले से आरक्षित रखी गई है। जिला अस्पताल परिसर के नाम से सुरक्षित जमीन का आवंटन ना किया जाए। इसके अलावा आपत्तिकर्ताओं ने बेशकीमती जमीन को कौड़ी के मोल सत्ताधारी दल कांग्रेस के कार्यालय भवन के लिए दिए जाने को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई थी जिसके बाद से ये मामला गरमाया हुआ है।
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