जशपुर में हिंदू सम्मेलन में 50 परिवारों के सैकड़ों लोगों की हिंदू धर्म में घर वापसी, प्रबल प्रताप ने चरण पखारे

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The Sootr CG
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जशपुर में हिंदू सम्मेलन में 50 परिवारों के सैकड़ों लोगों की हिंदू धर्म में घर वापसी, प्रबल प्रताप ने चरण पखारे

JASHPUR. जशपुर के पत्थलगांव में किलकिलेश्वर धाम में आयोजित विशाल हिंदू सम्मेलन के बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। रविवार को यहां धर्मांतरि​त होकर क्रिश्चियन बन चुके 50 परिवारों ने फिर से हिंदू धर्म अपना लिया। जशपुर के बीजेपी नेता और घर वापसी अभियान में जुटे प्रबल प्रताप जूदेव ने सभी के चरण पखारकर उनकी घर वापसी कराई।



किलकिला शिव मंदिर प्रांगण में विशाल हिंदू सम्मेलन



विशाल सम्मेलन पत्थलगांव के किलकिला शिव मंदिर प्रांगण में हुआ। इसमें वरिष्ठ संतों के अलावा अखिल भारतीय घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव आयोजन को लेकर प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। उनके साथ ही कई स्थानीय धार्मिक संगठन, आर्य समाज, गायत्री परिवार, मंदिर ट्रस्ट, धर्म जागरण समन्वय छत्तीसगढ़ विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल भी सहयोग कर रहे हैं। इसी आयोजन की कड़ी में धर्म वापसी का अनुष्ठान किया गया। इसमें घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सबसे पहले किलकिला मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की आराधना की। इसके साथ ही मंदिर के कपिलदास मुनि बाबा से आशीर्वाद लिया।



लालच में आकर अपनाया था ईसाई धर्म



वहीं मिशनरीज के प्रभाव, दबाव और कतिपय लालच में आकर सालों पहले या जिनके पूर्वजों ने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। उनमें से 50 परिवारों को भी यहां आमंत्रित किया गया था। सभी के सैकड़ों सदस्यों को बैठाया गया। इसके बाद विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराया गया। इसके बाद प्रबल प्रताप गंगाजल लेकर एक जगह बैठ गए। फिर बारी-बारी से सभी लोगों के पैरों को अपने हाथों से धोते गए और इस चरण पखारने की कवायद के बीच सभी की वापस हिंदू धर्म में वापसी हो गई। सभी को प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान जय श्री राम के जयघोष भी होते रहे।



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प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कही ये बड़ी बात



इस दौरान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अपनी बात भी रखी। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे बिछड़े हिंदुओं की हम घर वापसी नहीं कराएंगे, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। स्वामी श्रद्धानंद नहीं होते तो पूरे भारत में धर्मांतरण हो जाता। उन्होंने अपना जीवन समर्पण कर दिया और हिंदुओं को एक करने के लिए हमेशा लगे रहे। हिंदुत्व किसी जाति का नहीं बल्कि ये राष्ट्रीयता का प्रतीक है।

 


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