RAIPUR. छत्तीसगढ़ के राजिम से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल राजिम के फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम लोहरसी में 12 साल के बालक शीतल साहू की हालत दिल दहला को झकझोर कर देने वाली है। यहां उनके बेबस पिता शत्रुधन साहू अपने 20 वर्षीय जिगर के टुकड़े को 12 सालों से रस्सी से बांध कर रखे हुए हैं। आपको बता दें कि यह काम किसी यातना देने के लिए नहीं बल्कि उसकी खुद की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
80 फीसदी दिव्यांगता फिर भी नहीं मिल रही पेंशन
मिली जानकारी के अनुसार शीतल साहू बचपन से ही कमजोर है। समय पर इलाज नहीं मिला तो बढ़ते उम्र के साथ उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया है। जिसके चलते बार-बार घर से भाग जाना, नदी, तालाब व चलते गाड़ी के सामने कूद जाने के डर से शीतल को रस्सी से बांध कर रखा गया है। उसके परिवार की आर्थिक हालत की बात की जाए तो वह भी काफी नाजुक है। यही वजह है कि उनके बेबस माता-पिता के सामने रोज कुंआ खोदकर पानी पीने जैसी हालत है। फिर भी विडम्बना यह है कि शीतल का 80 प्रतिशत दिव्यांग होने के बावजूद न तो उसे पेंशन मिल रहा है, न आधार कार्ड बना है और न ही राशन कार्ड में उसका नाम है। योजनाओं से वंचित आर्थिक रूप से कमजोर परिवार शासन प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है।
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कब तक मिलेगी दिव्यांग को मदद
जानकारी के बाद वहां के जनपद सीईओ अजय पटेल ने मामले को संज्ञान में लेकर मदद करने की बात कही है। अब देखना यह होगा कि कब सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अपने दफ्तर से बाहर निकलकर शासन के द्वारा जारी ऐसे दिव्यांग लोगों के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ कागजों से निकालकर प्रत्यक्ष रूप में उन्हें दिलाते है और उनकी मदद करते हैं।