JANJGIR. छत्तीसगढ़ के जांजगीर में धान खरीदी की प्रक्रिया में पंजीयन को लेकर गड़बड़ी सामने आई है। जानकारी के अनुसार सहकारी समिति के कर्मचारियों ने धान बेचने वाले किसानों की ऐसी सूची बनाई है, जिनके पास जमीन ही नहीं है। शिकायत मिलने पर जांच शुरू हुई, जिसमें गड़बड़ी मिली। इसके बाद 2 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं दो लोगों पर एफआईआर कराई गई है।
कलेक्टर ने जांच कमेटी का किया गठन
जांजगीर-चांपा जिले के धान खरीदी केन्द्र कोरबी में फर्जी पंजीयन की शिकायत मिली थी। इसके बाद कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने अनुविभागीय अधिकारी कमलेश नंदिनी साहू, उप पंजीयक उमेश गुप्ता, जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी अश्वनी पांडेय, भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक विनय पटेल को शिकायत की जांच सौंपी। जांच में शिकायत सही पाई गई।
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जांच में 2 अधिकारी पाए गए दोषी
इस जांच में दोषी पाए गए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एसके जोगी और धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी सह ऑपरेटर विकास सिंह को निलंबित कर एफआईआर दर्ज कराई है। फर्जी पंजीयन कराने वाले पूजा अग्रवाल और जितेन्द्र अग्रवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। धान खरीदी में किसी भी तरह की अफरा-तफरी की रोकथाम के लिए लगातार निगरानी हो रही है।
अब तक इतनी धान की हो चुकी है खरीदी
प्रदेश में धान की सरकारी खरीदी 1 नवंबर से शुरू हुई है। इन 23 दिनों में 13 लाख 34 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। इस बीच करीब तीन लाख 85 हजार 822 किसानों को दो हजार 803 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। खाद्य विभाग के मुताबिक बुधवार को ही दिन भर में 38 हजार 498 किसानों ने एक लाख 30 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान बेचा है। इस साल धान की खरीदी 31 जनवरी तक होनी है। सरकार 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होने की संभावना जता रही है।