नितिन मिश्रा, Raipur. कांकेर ज़िले की तर्ज पर बादलखोल अभ्यारण्य में बने स्टॉप डैम से लाखों लीटर पानी बहा दिया गया। यह कांड मछली के शौकीनों का बताया जा रहा है। बादलखोल अभ्यारण्य में जंगली जानवरों के लिए पेय जल की व्यवस्था के लिए स्टॉप डैम बनाया गया था। पानी बह जाने से जानवरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिससे जंगली जानवरों के रहवासी इलाक़ों में आने का खतरा बढ़ गया है।
मछली शौकीनों ने बहाया पानी
मिली जानकारी के मुताबिक जशपुर जिले के बादलखोल अभ्यारण्य के गायलूंगा में जंगली जानवरों को पेय जल उपलब्ध करवाने 2018-19 में स्टॉप डैम बनाया गया था। यह डैम 25 फिट चौड़ा है जिसमें करीब 300 मीटर की लंबाई में 3 फिट गहराई तक पानी मौजूद था। मछली के शौकीनों ने मछली पकड़ने के लिए डैम का गेट खोल दिया। जिससे डैम में भरा लबालब पानी चंद घंटों में बह गया। अभ्यारण्य में रहने वाले जानवर यहां पानी पीने आते हैं। अब जंगली जानवरों के गांव की तरफ आने का खतरा बढ़ गया है।
हाथी बहुतायात में हैं मौजूद
जशपुर में स्थित बादलखोल अभ्यारण्य में जंगली हाथी बहुतायात में हैं। इनकी आवाजाही डैम के पास हमेशा लगी रहती है। साथ ही अन्य जंगली जानवर हिरण, चिंकारा, भालू, बाघ, नीलगाय जैसी प्रजातियां भी मौजूद हैं। हाथी जैसे जानवर रहवासी इलाक़ों में घुस कर इंसानों पर हमला करते ही रहते हैं। इस कांड के बाद अब रहवासी इलाक़ों में इनके आने का खतरा मंडरा रहा है।
सुविधा के लिए बनाया गया था डैम
एसडीओ विजय भूषण ने बताया कि बादलखोल अभयारण्य के ग़ायलूँगा में टेंगुरनाला में सन् 2018-19 में यह स्टॉप डैम बनाया गया था। बारिश के मौसम में ही इसको खोलते हैं। बाकी समय यह बंद रहता है।इसका निर्माण जंगली जानवरों में पानी की समस्या को कम करने के लिए किया गया था। लेकिन किसी शरारती तत्त्व ने इसे खोल दिया जिससे इसका सारा पानी बह गया। अमोमन मछली पकड़ने वालों ने यह किया होगा। आस-पास के गांव में जाकर पूछताछ की जा रही है। मैं स्वयं जाकर पता कर रहा हूँ। जो भी आरोपी होगा उसके विरुद्ध वन्यप्राणी अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।