छत्तीसगढ़ के बादलखोल अभयारण्य से लगे इलाकों में आ घुसे 40 हा​थी के दो दल, रौंद रहे फसल, मकान भी तोड़ा

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The Sootr CG
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छत्तीसगढ़ के बादलखोल अभयारण्य से लगे इलाकों में आ घुसे 40 हा​थी के दो दल, रौंद रहे फसल, मकान भी तोड़ा

JASHPUR. जिले के अंतर्गत आने वाले बादलखोल अभयारण्य क्षेत्र में 40 हाथियों के दल ने डेरा जमा लिया है। अब ये हाथी बीते कुछ दिनों से दो दलों में बंटकर आस-पास के आबादी वाले क्षेत्रों में दहशत फैला रहे हैं। 18 दिसंबर की रात ये हाथी आस-पास के गांवों तक पहुंच गए और बड़ी मात्रा में फसलों को रौंदने के ​अलावा एक मकान को भी तोड़ दिया। इससे पूरे इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है।



वन विभाग का अमला अलर्ट पर



इधर, बादलखोल अभ्यारण्य क्षेत्र में आए इन हाथियों के हमले की आशंका में कलिया और आस-पास की बस्ती के लोग अपनी जान और संपत्ति बचाने के लिए रातभर हाथ में मशाल लेकर हाथियों को खदेड़ते रहते हैं। साथ ही इसके लिए शोर भी मचाते रहे। वहीं अभयारण्य क्षेत्र के गेम रेंजर उनकी गतिविधियां पर नजर बनाए रखे। साथ ही उन्हें समझाइश देते रहे कि वे हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाकर रखें और जंगल की ओर जाने से भी बचें। जबकि प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के इस बड़े दल में छोटे हाथी और दंतैल हाथी भी शामिल हैं। वहीं बार-बार खदेड़ने के कारण ही ये हाथी दो दलों में बंटे हैं। इसके बाद से इन हाथियों का दायरा भी बढ़ने का खतरा बढ़ गया है, जिससे ये ज्यादा इलाकों में हमला कर सकते हैं। जबकि उनकी हलचल बढ़ने के बाद से आसपास के कुनकुरी और बगीचा वन परिक्षेत्र में भी वन अमले को अलर्ट कर दिया गया है।



ऐसे किया नुकसान



हाथियों के एक दल ने कलिया गांव में जो उत्पात मचाया है, उसे लेकर जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार, गांव के सस्तुराम के मकान को तोड़ा है। साथ ही डमरूधर यादव, बालेश्वर यादव और रतन यादव समेत सात किसानों की दलहन की फसल को क्षतिग्रस्त किया है। जबकि तपकरा रेंज में भी हलचल तेज हो गई है। वहां अलग से एक दल में शामिल 15 हा​थी जमुना और सागजोर बिट में डेरा जमाए हुए हैं।

 


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