JASHPUR. पत्थलगांव पुलिस को आज अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में बड़ी सफलता हासिल है। यहां का बालाझार गांव में अंधविश्वास में झाड़फूंक से इलाज कराने के बाद मरीज हालत और बिगड़ जाने से बैगा की डंडे से पिटाई करने से उसकी मौत हो गई थी। पुलिस को भूखन तिर्की का शव मिलने की सूचना मिली थी। यहां मृतक के शरीर पर चोट के निशान मिले थे।
मृतक बैगा झाड़फूंक कर अपना जीवनयापन करता था
पुलिस ने इस घटना में हत्या का संदेह व्यक्त करते हुए जांच शुरू की थी, लेकिन घटना स्थल पर हत्या का ठोस साक्ष्य नहीं मिल पाने से जांच का काम कठिन हो गया था। पुलिस ने आज अंधे कत्ल के मामले को सुलझा लिया है। पुलिस जांच में लाश की पहचान एक बैगा के तौर पर हुई है। मृतक बैगा झाड़फूंक कर अपना जीवनयापन करता था। संभवतः उसका यही पेशा इसकी मौत का कारण भी बना।
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पुलिस ने जांच के बाद आरोपी सुखीराम को हिरासत में लिया है
इस बारे में थाना प्रभारी भास्कर शर्मा ने बताया कि बैगा के पास आरोपी अपनी बीमार पत्नी का इलाज करा रहा था, लेकिन लगातार झाड़फूंक के बावजूद उसकी बीमारी ठीक नहीं हो रही थी। इस बात से परेशान आरोपी का बैगा के साथ वाद विवाद हो गया और बैगा की डंडे से जमकर पिटाई कर दी थी। इस पिटाई के बाद ही गंभीर तौर पर घायल बैगा की मौत हो गई थी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी सुखीराम को हिरासत में ले लिया हैं। वह सरगुजा जिले का रहने वाला हैं। इस तरह पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही कत्ल के इस मामले को सुलझा लिया हैं।
8 फरवरी को भी बच्चे की हालत नहीं सुधरी तो लखमा की फावड़े से कर दी थी हत्या
जानकारी के अनुसार तेतरपारा कापानार में रहने वाला लखमा कवासी (50) झाड़ फूंक का काम करता था। गांव में ही रहने वाले सुखराम कवासी (35) उसका पड़ोसी है। सुखराम का बच्चा काफी बीमार रहता था। इसके चलते वह परेशान था। सुखराम आठ फरवरी को लखमा कवासी को बच्चे के इलाज के लिए घर बुलाकर ले गया। इसके बाद इलाज शुरू कर दिया। काफी इलाज के बाद भी जब बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ तो सुखराम ने फावड़े से कवासी लखमा के सिर पर वारकर दिया।