Raipur. छत्तीसगढ़ में बीते दिनों पहाड़ी कोरवा दंपत्ति में अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली, जिसके बाद प्रदेश में सियासी बयानबाजी शुरु हो गई। इसी बीच बीजेपी ने एक जांच दल का गठन किया जिसने मौके पर जाकर पूरी पड़ताल की है। बीजेपी जांच समिति ने रिपोर्ट सौंपी है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का कहना है कि भूख और गरीबी के कारण पहाड़ी कोरवा परिवार ने मौत को गले लगाया है। इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ 20 साल पिछड़ गया है।
'जशपुर में मुख्यमंत्री ने दिया संवेदनहीनता का परिचय'
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि बीजेपी ने गांव वालों से चर्चा की तो पता चला कि 35 घरों के लिए केवल एक हैंडपंप है। दस किलोमीटर दूर पढ़ने जाते है पूरे क्षेत्र में सड़क नहीं है। 114 गांव में आज तक सड़क नहीं है। दो दिन से बीजेपी की टीम वहां गई, लेकिन सीएम का जशपुर में कार्यक्रम था लेकिन वहां नहीं गए उनको चिंता नहीं है। राहत की घोषणा कर देते लेकिन इस सरकार की संवेदनहीनता का यह परिचय है। मुख्यमंत्री ने जशपुर में भी इसकी चर्चा नहीं की। राजनीतिक आकाओं को खुश करने लिए लाखों रुपयों की घोषणा करते हैं लेकिन यहां पांच दिन बीतने के बाद भी कोई घोषणा नहीं की है। बीजेपी ने मांग की है कि पहाड़ी कोरवा को भरपूर राहत मिलना चाहिए।
पूर्व सांसद रामविचार नेताम ने साधा सरकार पर निशाना
पूर्व सांसद रामविचार नेताम ने कहा है कि वहां का दृश्य बहुत मार्मिक है, ऐसे क्षेत्रों में जो पहाड़ी कोरवा हैं इनके विकास के लिए सरकार की बड़ी बड़ी घोषणा होती है। लेकिन वहां जाने के बाद दर्दनाक स्थिति है वहां ना बिजली की व्यवस्था है.. ना सड़क है.. पानी नहीं है.. खेत पथरीला है। इन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के रूप में जाना जाता है। उत्तरप्रदेश में घड़ियाली अंशु बहाते हुए पचास लाख की घोषणा कर दिए। केवल सरपंच और सचिव के नाम से ही दस हजार तक मिले है। मुख्यमंत्री ने इस पर कुछ नहीं किया, इस घटना को नकार दिया। उनकी ज़िंदगी बनाने के लिए कोई स्कीम की घोषणा वहां तक नहीं पहुंच पाई इसलिए यह दर्दनाक हादसा हुआ है।