नितिन मिश्रा, Jashpur. जिले के पत्थलगांव से सटे चौरपाठ पहाड़ में सोने के भंडार होने के प्रमाण नदी की रेत के जरिये मिलते आ रहे हैं। सोने के भण्डार का सर्वे करने के लिए केन्द्र से आई इंडियन जियोलॉजिकल सर्वे की टीम पत्थलगांव के चौरापाठ पहाड़ का सर्वे कर रही है। सर्वे का विरोध जताते हुए ग्रामीणों ने इस टीम के एक सदस्य को बंधक बना लिया, जिसे प्रशासन की समझाइश के बाद छोड़ दिया गया। लेकिन इस घटना से चालीस बरस पुराना विरोध फिर उभर कर सामने आ गया है। वहीं ग्रामसभा के जरिए ग्रामीणों को समझाईश देने की कवायद भी की जा रही है।
मामला क्या है
पत्थलगांव के चौरपाठ पहाड़ पर सोना होने के संकेत मिले हैं। इसका जब भी सर्वे होता है ग्रामीण विरोध करते हैं। इस पहाड़ से निकलने वाली नदी की रेत के साथ अक्सर सोने के कण मिलते हैं। ग्रामीण रेत छानकर सोने की तलाश करते रहे हैं। संभावना है कि चौरापाठ पहाड़ के नीचे सोने का भंडार हो सकता है, इसकी पुष्टि के लिए इंडियन जियोलाजिकल सर्वे का दल पहुंचा और सर्वे करने लगा, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया, और विवादित स्थिति निर्मित हुई। करीब 40 साल पहले भी सर्वे की कवायद हुई थी, लेकिन तब भी विरोध हुआ और टीम को वापस लौटना पड़ा था। लंबे अरसे तक सर्वे का यह काम ठंडे बस्ते में पड़ा रहा, अब एक बार फिर से केंद्र सरकार अनुमति के बाद सर्वे की कवायद हुई तो विरोध फिर सामने आया है।
ग्रामसभा के जरिए ग्रामीणों को समझाईश की कवायद
इंडियन जियोलॉजिकल सर्वे की टीम के सदस्य को मयूरनाचा में बंधक बनाने के बाद प्रशासनिक दल जिसमें एसडीएम और एसडीओपी मौजूद थे उन्होंने ग्रामसभा के ज़रिए ग्रामीणों को समझाईश देने की क़वायद की। ग्रामीणों ने इसके बाद सर्वे टीम के सदस्य को तो छोड़ दिया लेकिन सर्वे टीम को काम करने का पुरज़ोर विरोध भी किया है।