RAJNANDGAON. खैरागढ़ में महाराष्ट्र के रहने वाले अपराधियाें का एक ऐसा चोर गिरोह सक्रिय था, जिसके सदस्य यहां ज्वेलरी दुकानों में रेकी कर सोने-चांदी के जेवर चोरी करते थे। फिर इसे ले जाकर महाराष्ट्र में खपा देते। वहां जो पैसा मिलता, उससे शराब खरीदकर छत्तीसगढ़ में तस्करी करते। आखिरकार, खैरागढ़ की पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया है। उनसे पूछताछ में इस गिरोह की कारगुजारियों का पता चला है।
जांच में 750 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले
मामले का खुलासा चोरी के एक मामले की जांच के दौरान हुआ। बीते तीन फरवरी को खैरागढ़ के किल्लापारा स्थित ज्वेलर्स दुकानों का शटर, ताला तोड़कर सोने-चांदी के जेवर व दूसरे सामान चोरों ने पार कर दिया था। तब पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम को मामले की जांच में लगाया गया। इस टीम ने जिले के साथ ही कवर्धा, बेमेतरा से लेकर महाराष्ट्र के नागपुर तक 750 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की।
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ऐसे खुला मामला
आखिरकार, एक संदेही मनोज लिलहारे निवासी डिप्टी सिग्नल नागपुर को पकड़कर पूछताछ की गई। तब उसने बताया कि शुभम मराठे, अरविंद उर्फ बटी धनसुरे से चोरी के जेवर बेचने से मिली रकम से महाराष्ट्र से शराब लेकर छत्तीसगढ़ बिक्री करने आने की बात कही। तब कुम्ही पुलिया के पास नाकाबंदी कर स्कोडा कार को पकड़ा गया। तलाशी लेने पर उसमें 14 पेटी महाराष्ट्र की देशी शराब के साथ शुभम मराठे, अरविंद धनसुरे उर्फ बंटी निवासी नागपुर को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे रेकी करने के बाद ऐसे दुकानों को टारगेट करते थे, जिनका शटर खींचने से बाहर आ जाए, फिर सब्बल की मदद से कार का जैक लगाकर चोरी करते थे।
गहनों की बनवाते थे ईंट
कई दुकानों से चोरी कर चांदी के जेवर को तिरोड़ गोंदिया से पिघलाकर ईंट बनवाई और प्रतीक अग्रवाल ज्वेलर्स गोंदिया को बेच दिए थे। पुलिस ने प्रतीक अग्रवाल से चांदी के जेवर को पिघलाकर बनाए चार टुकड़े बरामद किए गए हैं। जब्त ईंटों की कीमत करीब दो लाख 33 हजार रुपए व नकद 16 हजार रुपए और एक स्वीफ्ट कार जब्त की गई है। सभी आरोपी महाराष्ट्र के गोंदिया व नागपुर के रहने वाले हैं।