KANKER. बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाके में एक बार फिर नक्सलियों ने आतंक फैलाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए। दरअसल, सर्चिंग पर निकली पुलिस की टीम और नक्सलियों के बीच कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के मरमाकोनारी और गुमझिर के बीच मुठभेड़ हुई। इस घटना की पुष्टि कांकेर पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा ने की। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस जवानों ने नक्सलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसके बाद नक्सली जंगल में छिप गए। कुछ देर तक जंगल में छिपकर छिटपुट की, लेकिन जवानों की तेज फायरिंग के बाद भाग गए। मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके में टीम बनाकर सर्चिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान कुछ नक्सल सामग्री भी बरामद किए जाने की जानकारी मिली है।
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कांकेर जिले में पिछले साल 31 अक्टूबर को सिकसोड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कड़मे के जंगल में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने दो हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया। दोनों पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित है। घटनास्थल से एक राइफल, एक पिस्तौल, 57 हजार रुपए समेत कई सामग्री बरामद किया था।
मुठभेड़ के बाद नक्सलियों को शिविर ध्वस्त किया
छत्तीसगढ़ के कांकेर में पिछले साल अगस्त में बरसते पानी में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच 27 जनवरी शुक्रवार को जबर्दस्त मुठभेड़ हुई थी। इसमें कुछ नक्सली घायल हुए, लेकिन वे भाग निकले। हालांकि, उनका एक शिविर ध्वस्त कर दिया गया था। कांकेर में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के जवान जांच के लिए जंगल में निकले थे, तभी तेज बारिश होने लगी। इसी बीच, आमाबेड़ा इलाके में जवानों को नक्सलियों का एक दल नजर आया। देखते-देखते दोनों ओर से फायरिंग शुरू हो गई थी। करीब 1 घंटे दोनों ओर से गोलीबारी चली, लेकिन इसी दौरान नक्सली घने जंगल में भाग निकले। इसके बाद में जांच के दौरान सुरक्षा बलों को मौके पर एक नक्सली शिविर नजर आया। वहां नक्सली साहित्य, दवाइयां, वर्दी, बर्तन और कई सामान मिला था।