KAWARDHA. देशभर में भगवा रंग पर विवाद जारी है। इससे अब छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं रह गया है। इस बीच, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कवर्धा दौरे पर पहुंचे। उन्होंने भगवा रंग विवाद पर बड़ा बयान दिया है। दरअसल, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद दो दिवसीय कवर्धा प्रवास पर हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। चर्चा के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद फिल्मों में भगवा रंग के इस्तेमाल को लेकर नाराजगी जताई है। साथ ही उन्होंने धार्मिक सेंसर बोर्ड का गठन करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि धार्मिक सेंसर बोर्ड फिल्मों की निगरानी करेगा।
पीएम मोदी और सीएम बघेल पर साधा निशाना
मीडिया से चर्चा के दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि धार्मिक सेंसर बोर्ड का गठन करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर कानूनी प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। वहीं, उन्होंने गौ रक्षकों को गुंडा और धार्मिक संस्था के कार्यकर्ता को गुंडा कहने पर पीएम मोदी और सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि दोनों गलत हैं। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा गौ रक्षकों को गुंडा कहना गलत है। वहीं, धार्मिक संस्था के कार्यकर्ता को गुंडा कहने वाले सीएम भूपेश बघेल भी गलत हैं।
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फिल्म पठान को लेकर विवाद जारी
अभिनेता शाहरूख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान को लेकर मचा बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रोजाना फिल्म को लेकर नया पंगा सामने आ जाता है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने तो फिल्म के रिलीज होने पर भी पाबंदी लगा दी है। वहीं, कुछ जगहों पर फिल्म को बैन करने की मांग उठ रही है।
सीएम भूपेश के इस बयान को कहा गलत
सीएम भूपेश बघेल ने बीते दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि कपड़ा पहनना अलग बात है और उसे धारण करना अलग है। धारण कौन करता है, अंगीकार कौन करता है। जब साधु-संत समाज, घर परिवार को त्याग देता है तब भगवा रंग या गेरुआ स्वीकार करता है। भगवा रंग ज्वाला या अग्नि का प्रतीक है। ये बजरंगी गुंडे भगवा रंग का गमछा पहन कर निकल रहे हैं। ये तो वसूली करने के लिए निकले हैं।
राजनीति पर दिया था ये बयान
इस साल अक्टूबर में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राजनीतिक पार्टियों से नजदीकी पर दो टूक जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि हम अपने मां-बाप के नहीं हुए। कांग्रेस-बीजेपी के क्या होंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य बनने के बाद भोपाल में कहा था कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कांग्रेस के ज्यादा नजदीक थे, ये कहना जितना भम्रपूर्ण है, उतना ही ये भी कि हम किसी पार्टी के नजदीक होते जा रहे हैं। हम केवल सनातन धर्म के हैं,और सनानत धर्म के ही रहेंगे।