Raipur. छत्तीसगढ़ में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने को है। चुनाव से पहले ही सभी पार्टियों के नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में वोटरों को साधने की तैयारी कर ली है। इसी बीच प्रदेश के उद्योग और आबकारी मंत्री कवासी लखमा का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।
'टिकट की जिम्मेदारी हाईकमान की'
दरअसल प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा दो दिन पहले यानी 20 अप्रैल को बस्तर प्रवास पर रहे। बस्तर प्रवास के दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बस्तर के विधायकों की सर्वे के रिपोर्टकार्ड में खामियां देखे जाने और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चेहरे बदलने के सवाल पर कहा कि यह उनका मामला नहीं है। क्योंकि टिकट देने या नहीं देने की जिम्मेदारी हाईकमान में गांधी परिवार, राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के हाथों हैं।
क्या कहा कवासी लखमा ने?
मंत्री कवासी लखना का कहना है कि मैं कोई बड़ा नेता नहीं हूं.. मैं एक छोटा कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं। मैं पार्टी के आदेश पर झंडा उठाने और दरी बिछाने का काम करता हूं। साथ ही उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि यदि बस्तर के आदिवासी आज आगे बढ़ रहे हैं तो उसके पीछे का कारण गांधी परिवार है। बस्तर का विकास गांधी परिवार के द्वारा किया गया, तेंदू पत्ता तोड़ने का काम, जंगल जमीन का पट्टा, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, आश्रम हॉस्टल नेहरू गांधी परिवार ने खोला है। अबूझमाड़ की वजह से बस्तर को जाना जाता है. बस्तर के अबूझमाड़ में आश्रम हॉस्टल खोलने का काम गांधी परिवार ने किया है। इससे पहले बस्तर के ट्राईबल मिनिस्टर केदार कश्यप ने 3000 स्कूलों को बंद किया और एक भी स्कूल नहीं खोला। लेकिन गांधी परिवार ने स्कूल आश्रम खोलकर बस्तर के आदिवासियों को आगे बढ़ाने का काम किया। गांधी परिवार का नजर लगातार बस्तर में बना हुआ है। गांधी परिवार के किए गए कामों का फायदा और प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे का फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा।
'प्रियंका गांधी के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़'
इसके साथ ही लखमा ने यह भी कहा कि नेहरू, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी बस्तर पहुंचे हुए थे लेकिन पहली बार कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी बीते दिनों बस्तर पहुंची हुई थी। उनके बस्तर प्रवास की जानकारी लगते ही बस्तर संभाग से भीड़ उमड़ पड़ी। जगदलपुर का ऐतिहासिक लालबाग मैदान लोगों से भर गया। करीब दोपहर के 3:30 बजे प्रियंका गांधी का सभा खत्म हुआ। लेकिन 8:30 बजे तक जगदलपुर से लोगों से भरी गाड़ियां नहीं निकल पाई. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सभा में बस्तरवासियों की भीड़ कितनी जुटी हुई थी।