रायपुर में कवासी लखमा बोले- आदिवासी जन्म से हिन्दू नहीं, आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड करने की मांग की

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Rahul Garhwal
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रायपुर में कवासी लखमा बोले- आदिवासी जन्म से हिन्दू नहीं, आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड करने की मांग की

शिवम दुबे, RAIPUR. अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने फिर विवादित बयान दिया है। इस बार कवासी लखमा ने आदिवासी समाज को लेकर बयान दिया है। लखमा का कहना है कि आदिवासी हिन्दू नहीं है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद संतोष पांडेय ने पूरे बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे सोची समझी साजिश करार दिया है। 



भानुप्रतापपुर में आदिवासी समाज का कार्यक्रम



भानुप्रतापपुर में आदिवासी समाज का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी मौजूद रहे। मंत्री लखमा ने कहा कि आदिवासी जन्म से हिन्दू नहीं हैं। भाजपा द्वारा उन्हें वनवासी कहा जा रहा है, जो कि पूरी तरह गलत है। आदिवासी का अर्थ ही है जो आदिकाल से वास करता हो। अब अगर कोई भी वनवासी शब्द का प्रयोग करता है तो उसे गांव में घुसने मत देना।



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आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड की मांग



मंत्री कवासी लखमा ने आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड की मांग की है। उनका कहना है कि हम भरपूर कोशिश करेंगे कि आदिवासियों का अलग धर्म कोड होना चाहिए। संविधान में भीमराव अंबेडकर ने लिखा हुआ है तो ये हमको क्यों नहीं मिलेगा। इसकी लड़ाई पूरा हिंदुस्तान का आदिवासी लड़ेगा। केदार जैसे लोग अगर इस प्रकार का बोलेंगे तो आदिवासियों का अपमान करने वाले लोगों को सबक सिखाएंगे।



रायपुर में फिर दोहराया बयान



राजधानी रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने फिर अपनी बात दोहराई है। उन्होंने कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं है.. हम आदिकाल से रहने वाले लोग हैं कोई वनवासी बोले तो गांव में घुसने ना दो। हमारे पूजा-पाठ विवाह का तरीका हिंदुओं से अलग है।



भाजपा बोली- सोची समझी साजिश



कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के बयान पर सियासत गरमाई हुई है। बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के एक मंत्री का बयान और बिहार के एक शिक्षा मंत्री का बयान साथ ही राम-रामायण के विरोध में स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है। आदिवासियों को अलग करने की बात है तो शक्ति पीठ दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी कौन है क्या कवासी लखमा बताएंगे, जो गुमरगुंडा आश्रम है और सदा प्रेमानंद सरस्वती जी अदिवासी है किंतु जिस प्रकार से मंत्री कवासी लखमा ने बयान दिया यह सोची समझी साजिश का हिस्सा है।


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