KORBA. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने इस बार कोरबा के कलेक्टोरेट में दबिश दी है। यहां खनिज विभाग के कार्यालय पहुंचकर अफसरों ने दस्तावेज खंगाले। साथ ही कई दस्तावेजों को अपने कब्जे में भी लिया है। इससे पूरे समय हड़कंप मचा रहा।
खनिज विभाग के दस्तावेजों को कब्जे में लिया
आपको बता दें कि दोपहर करीब साढ़े 12 बजे प्रवर्तन निदेशालय के अफसर कलेक्टोरेट पहुंचे थे। इससे पहले रायगढ़ में इस तरह की छापेमारी की गई थी। वहीं एक ऐसे खनिज अफसर को जरूर कोरबा से उठाया गया था, जो पहले रायगढ़ में पदस्थ था। लेकिन इस बार कोरबा जिले से संबंधित मामले में बाकायदा खनिज विभाग के दस्तावेजों को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है। दरअसल, प्रदेश के कोयला परिवहन घोटाले का लिंक जहां-जहां मिल रहा है, ईडी की टीम वहां पहुंच रही है। बता दें कि कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लेवी वसूली का खुलासा कोयला कारोबारियों के यहां पड़े इनकम टैक्स के छापे से हुआ था।
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ईडी की टीम कोरबा के माइनिंग दफ्तर पहुंची थी
तब आईटी के अफसरों ने ईडी तक यह बात पहुंचाई और उसके बाद ईडी के अफसर सिलसिलेवार जांच कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को ईडी की टीम कोरबा के माइनिंग दफ्तर पहुंची थी। इस दौरान अफसरों ने खनिज विभाग के दस्तावेजों के साथ ही कम्प्यूटर की भी जांच की। इस दौरान खनिज विभाग के दफ्तर को उन्होंने अपने कब्जे में ले लिया था और कर्मचारियों के आने-जाने पर रोक लगा दिया गया था।
कलेक्टर को दौरा करना पड़ा स्थगित
बता दें कि बुधवार को ही कलेक्टर संजीव झा और एसपी यू उदय किरण पाली का दौरा करने वाले थे। लेकिन जैसे ही उन्हें छापे का पता चला, दोनों अफसरों ने अपना दौरा कार्यक्रम स्थगित कर दिया। कलेक्टर संजीव कार्यालय आ गए और अपने चेंबर में मौजूद रहे। मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पिछले दिनों से कोल लेवी की अवैध वसूली मामले की जांच कर रहा है। इस मामले में एक आइएएस और मुख्यमंत्री की उप सचिव समेत दो खनिज अधिकारी और छह अन्य लोग अभी जेल में बंद हैं।