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BAIKUNTHPUR. कोरिया के गुरु घासीदास नेशनल पार्क एरिया में एक आदमखोर तेंदुआ महीने भर में 4 लोगों को अपना शिकार बनाने के साथ ही कई पालतु मवेशियों को मार चुका है। इसके बाद से मृतकों के परिजनों के अलावा स्थानीय ग्रामीण और जनप्रतिनिधि धरने पर बैठ गए हैं। इधर, वन विभाग के अफसरों और नेशनल पार्क प्रबंधन पर भी दबाव बढ़ रहा है। लिहाजा बिलासपुर से विशेष टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए ट्रैक्युलाइजर लेकर जंगल की खाक छान रही है। मंगलवार को भी टीम उसकी तलाश में लगी हुई है।
इंसानों की जान लेने से पहले भी तेंदुए ने कुछ लोगों पर हमला किया था। तब वन विभाग के साथ ही नेशनल पार्क के अफसरों से शिकायत की गई थी। लेकिन, उन्होंने दावा किया था कि तेंदुआ आदमखोर प्रवृत्ति का नहीं है। ऐसे में उससे किसी को जान का खतरा नहीं है। लेकिन, अब एक के बाद एक चार इंसानों की जान लेने के बाद स्थानीय जनता का आक्रोश भड़क गया है। अंतिम शिकार उसने रविवार की शाम अपने खेत में लगे अरहर की रखवाली कर रहे ग्रामीण की की थी।
ग्रामीणों ने किया हंगामा
इसके बाद ग्रामीणों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया। सुबह ही तेंदुए को घटना स्थल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर नौडिया गांव में कुछ लोगों ने देखा। ग्रामीणों के हंगामे के बाद पूर्व संसदीय सचिव चंपा देवी पावले भी तेंदुए को मारने की मांग को लेकर धरने पर ग्रामीणों के साथ बैठ गईं।
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इस तरह किए जा रहे प्रयास
इंसानों की जान लेने के बाद से ही तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम जुट गई थी। इसके तहत तीन अलग-अलग लोकेशन पर पिंजरा और ट्रैकिंग कैमरा लगाए गए हैं। लेकिन, अब तक तेंदुआ पकड़ से बाहर ही था और उसने फिर एक इंसान की जान ले ली। जब लोगों के सब्र का बांध टूट गया तो वन अमला भी गंभीर हो गया। इसी के तहत बिलासपुर से ट्रैंक्युलाइज स्पेशलिस्ट की टीम को बुलाया गया। डीएफओ लोकनाथ पटेल ने बताया कि फुट इंप्रेशन से पंजे के निशान को ग्रामीणों ने ट्रेस किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि तेंदुए ने ही हमला किया है। जबकि उनका मानना है कि तेंदुआ एक से अधिक भी हो सकते हैं। वहीं सोमवार को बिलासपुर की टीम ने दिनभर ड्रोन से मदद लेकर जंगल में तेंदुए को खोजा। इसमें सफलता नहीं मिलने के बाद मंगलवार को एक बार फिर टीम जंगल की खाक छान रही है।