MAHASAMUND. छत्तीसगढ़ के कई शहरों में जानवरों की तस्करी बढ़ गई है। इसी तरह महासमुंद के जंगलों में हाथियों के अंगों की भी तस्करी लगातार बढ़ रही है। ऐसा ही मामला महासमुंद जिले के देवपुर वन परिक्षेत्र में आया है। एक बार फिर शिकारियों के जाल में हाथी फंस गया है और उसकी मौत हो गई है। दरअसल, गिद्धपुरी मार्ग पर तस्करी के लिए शिकारियों के लगाए गए करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई। वन विभाग ने भारी मात्रा में बिजली तार व बांस, खूंटी जब्त की है और आरोपियों की खोजबीन की जा रही है। ग्रामीण के अनुसार हाथी की मौत दो-तीन दिन पहले हो चुकी थी। बता दें कि दो दिन पूर्व ही इसी परिक्षेत्र के ग्राम चेचरापाली के समीप एक युवक की करंट में चिपकने से मौत हो गई थी, जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
करंट लगाकर हाथी को मार डाला
जानकारी के मुताबिक मृत हाथी की उम्र 15 से 18 साल बताई गई है। ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र में शिकारी शिकार के लिए जंगल कम ही जाते हैं और अपने ग्राम के आस-पास ही करंटयुक्त फंदा लगाकर जंगली सुअर और चीतल का शिकार आसानी से कर लेते हैं। इस बार करंट युक्त फंदे से चिपकने के कारण हाथी की मौत हो गई। इसकी पुष्टि वन मंडल अधिकारी मयंक अग्रवाल ने की है।
हाथी के पास बिजली के खुले तार मिले
अधिकारियों ने मौके पर मामले की जांच-पड़ताल की तो मृत हाथी के पास बिजली करंट के खुले तार, बांस, खुंटी मिले हैं। देवपुर परी क्षेत्र में हाथी की करंट से मौत की यह दूसरी घटना है। विगत साल पहले भी एक हाथी की मौत करंट से हो गई थी। वन विभाग के आला अधिकारी घटनास्थल पहुंच चुके हैं और हाथी का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद वहीं पर ही हाथी को दफन किया गया।
करंट से मौत की पुष्टि, आरोपियों की तलाश तेज
वन मंडल अधिकारी मयंक अग्रवाल ने चर्चा में बताया कि मृत हाथी की मौत 2 दिन पहले ही हो चुकी थी। अधिक बदबू आने के कारण ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी थी। बिजली के करंट से ही मौत होने की पुष्टि हुई है। शीघ्र ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।