Raipur. अरनपुर हमला जिसमें दस डीआरजी के जवान मारे गए हैं, नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर इसकी जवाबदेही ली है। माओवादियों की ओर से जारी विज्ञप्ति में इसे सरकार और फ़ोर्स द्वारा किए जा रहे अत्याचार का जवाब निरुपित किया गया है। नक्सलियों की दरभा कमेटी के प्रवक्ता साईंनाथ ने यह विज्ञप्ति जारी की है।
PLGA ने दिया अंजाम
माओवादियों ने इस घटना को लेकर ब्यौरा दिया है कि, यह उनकी सबसे निचली इकाई पीएलजीए ने अंजाम दिया है।लेकिन माओवादियों ने इस घटनाक्रम को लेकर इससे ज़्यादा कोई ब्यौरा नहीं दिया है।
DRG को लेकर सरकार पर लगाए आरोप
नक्सलियों ने डीआरजी को लेकर तल्ख़ी और नाराज़गी जताई है। माओवादियों का आरोप है कि, फ़ोर्स अगर हवाई हमले करती है तो डीआरजी ग्रामीणों के बीच अमानवीय तरीक़े से जुल्म करती है। सवाल डीआरजी के गठन को लेकर भी उठाया गया है। पूर्व नक्सली जो कि पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके उन नक्सलियों को बेसिक प्रशिक्षण देकर पुलिस के सहयोग के लिए दल बनाया गया है जिसे डीआरजी कहा जाता है। नक्सलियों ने कहा है कि, ना तो शैक्षणिक योग्यता और ना ही फ़िज़िकल फ़िटनेस के बावजूद डीआरजी के ज़रिए फ़ोर्स में शामिल कराया जा रहा है ताकि गाँव वालों पर हमला हो सके।
दस जवानों की हुई थी मौत
अरनपुर में दस डीआरजी जवानों की मौत आईईडी ब्लास्ट से हो गई थी। यह ब्लास्ट क़रीब डेढ़ बजे के लगभग तब हुआ था जबकि डीआरजी की टीम अरनपुर से दंतेवाड़ा लौट रही थी। सुरक्षा मानक के अनुरूप इन्हें पैदल और उसी मार्ग से नहीं आना नहीं था जिस मार्ग से डीआरजी के जवान गए थे, लेकिन लौटते समय डीआरजी जवानों ने निजी वाहन का इस्तेमाल किया और साथ ही उनकी उपस्थिति और क्रियाकलाप सार्वजनिक हो गए थे।