छत्तीसगढ़ में राज्यपाल से मिले मंत्री कवासी लखमा, बोले- जैसी उम्मीदें थीं, वैसा कुछ नहीं हुआ, लेकिन कोर्ट में लड़ाई जारी रहेगी

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
छत्तीसगढ़ में राज्यपाल से मिले मंत्री कवासी लखमा, बोले- जैसी उम्मीदें थीं, वैसा कुछ नहीं हुआ, लेकिन कोर्ट में लड़ाई जारी रहेगी

RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक पर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है। इस बीच आबकारी मंत्री कवासी लखमा एससी, एसटी और ओबीसी विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात के बाद कवासी लखमा ने मीडिया से चर्चा की। कवासी लखमा ने कहा कि जैसी उम्मीदें थीं, वैसा कुछ नहीं हुआ।



'जैसी उम्मीद थी वैसा आश्वासन नहीं मिला'



मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि राज्यपाल से मुलाकात तो हुई, मगर जैसी उम्मीद थी वैसा आश्वासन नहीं मिला। उनकी बातचीत से लगा कि वो राजनीति के दबाव में हैं। राज्यपाल यही कहते रहे कि देखते हैं, कर रहे हैं, समीक्षा कर रहे हैं। मगर कुछ ठोस बात नहीं हुई। हम गए तो हमें बैठाया, हम सभी की बातें तो सुनी मगर आश्वासन नहीं मिला। लखमा के साथ कई विधायक राजभवन पहुंचे थे। इसमें शिशुपाल सोरी, विनय जायसवाल, कृष्णदेव राय, रामकुमार यादव, यूडी मिंज, सावित्री मंडावी, लक्ष्मी ध्रुव, गुलाब कमरो आदि विधायक शामिल थे।



22 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में पेशी



मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मुझे उनकी बातों में राजनीति के गुण दिखें और दबाव में भी दिखे। राज्यपाल का संवैधानिक पद है, हम सब बोले- आप आदिवासी, पिछड़ा, अनुसूचित जनजाति वर्ग के हमारे संरक्षक हो, भर्तियां रुकी हुई हैं, इसलिए आपका सहयोग चाहिए। हालांकि हमें आश्वासन भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि 22 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में पेशी है। आरक्षण के मामले में कोर्ट की लड़ाई भी जारी रहेगी। हम प्रदेश के आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि इस वर्ग को आरक्षण मिले, सड़क की लड़ाई लड़ेंगे, विधानसभा की लड़ाई लड़ेंगे, गांव में लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन अधिकार लोगों को दिलाकर रहेंगे। आपको बता दें कि दिसंबर 2022 से आरक्षण बिल विधानसभा में पारित होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए अटका है। इस पर कांग्रेस सरकार और बीजेपी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।



ये खबर भी पढ़िए..



छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल का केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र, कोरबा जिले में ट्रेनों को फिर से शुरु करने का आग्रह



डोंगरगढ़ में अमरजीत भगत का बयान



एक दिन के दौरे पर डोंगरगढ़ पहुंचे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जब तक आरक्षण पारित नहीं हुआ था, भाजपाई तब तक आदिवासियों को आगे कर कलेक्टर का घेराव और सभा करते थे। जब से विधानसभा में पारित हुआ है, तब से इनके मुंह पर ताला बंद हो गया है। ये ना राज्यपाल से मिलते हैं, ना स्टेटमेंट देते हैं, ना ज्ञापन देते हैं, ना कोई प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि इनकी असलियत खुलकर सामने आ गई है। ये आरक्षण का लाभ दिलाना नहीं, बल्कि पूरे मामले में राजनीति कर रहे हैं।


राज्यपाल से मिले मंत्री कवासी लखमा discussion on reservation issue Minister Kawasi Lakhma met Governor छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा CG News Reservation issue in Chhattisgarh आरक्षण मुद्दे पर चर्चा