BIJAPUR. झीरम कांड में एक बार बार फिर सियासत तेज हो गई है। दरअसल, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के आरोप पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने पलटवार किया है। लखमा ने कहा कि जब से मैं मंत्री बना हूं, अजय चंद्राकर के पेट में दर्द हो रहा है। सुर्खियों में बने रहने के लिए अजय चंद्राकर इस तरह की बयानबाजी करते हैं। झीरम मामले में तत्कालीन सरकार के मंत्रियों को पहले सजा होनी चाहिए। कांग्रेस के परिवर्तन रैली के बारे में जानकारी होने के बाद भी सुरक्षा नहीं दी गई। इससे इतनी बड़ी घटना घटी।
हार के कारण बयानबाजी कर रहे चंद्राकर: लखमा
बीजापुर में अजय चंद्रकार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कवासी लखमा ने कहा कि एक गाय बैल चराने, तेंदूपत्ता तोड़ने वाले के मंत्री बन जाने से उनको तकलीफ हो रही है। झीरम घटना के वक्त किसकी सरकार थी.? डीजी को पत्र लिखने के बाद भी सुरक्षा क्यों नहीं दी गई ? कांग्रेस के नेताओं को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? आखिर सुरक्षा देने से कौन रोक रहा था? आज हमारी सरकार है और पूर्वमंत्री महेश गागड़ा और केदार कश्यप को सुरक्षा दी जा रही हैं, लेकिन उस समय हमारे नेताओं को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि अजय चंद्राकर आने वाले चुनाव हार रहे हैं इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।
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'आदिवासियों को किसी चीज का लालच नहीं'
लखमा ने कहा कि बस्तर ही नहीं छत्तीसगढ़ कि जनता बीजेपी के मंत्रियों को जान चुकी है। जनता ही उन्हें जवाब देगी। मीडिया से चर्चा में लखमा ने खुद को मुख्यमंत्री पद का दूर दूर तक दावेदार नहीं होने की बात कही। लखमा ने कहा तेंदुपत्ता तोड़ने वाले को इतना बड़ा पद मिला, यहीं बहुत है। कांग्रेस पार्टी दरी बिछाने बोलेगी तो वो करुंगा। झंडा बांधने बोलेंगे तो वो बांधुंगा। नारे लगाने कहेंगे तो वो करुंगा। नेहरू-गांधी पार्टी के परिवार का आदमी हूं। राहुल गांधी ने मेरे जैसे आदमी को मंत्री बनाया। आदिवासियों को किसी भी बात का लालच नहीं होता। हम सेवा करने पर विश्वास करते हैं।
स्कूलों को दी कई सौगातें
गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को मंत्री कवासी लखमा ने अपने बीजापुर प्रवास के दौरान भैरमगढ़ ब्लॉक के आठ स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल में समायोजित करते हुए कक्ष निर्माण के लिए 3 करोड़ 68 लाख रूपए की सौगात देते हुए भूमिपूजन किया। इन स्कूलों में नेलसनार, माटवाड़ा, कोडोली, पिनकोंडा, भैरमगढ़ और पुसनार शामिल हैं। इसके अलावा भी सौगातें दीं।