Raipur. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी शासनकाल में बने स्काईवॉक को भ्रष्टाचार की इमारत बताया , इसके साथ ही कई सवाल भी खड़े किए थे। सीएम बघेल ने कांग्रेस के वरिष्ट नेता और विधायक सत्यनारायण शर्मा के नेतृत्व में जांच समिति बनाई। समिति ने हाल में ही रिपोर्ट सौंप दी है। समिति की रिपोर्ट के अनुसार यह स्काईवॉक उपयोग किया जाना चाहिए। विधायक सत्यनारायण शर्मा का कहना है कि स्काइ वॉक तोड़ने में और भी पैसा लगेगा इसलिए इसे उपयोग में लाना चाहिए।
क्या-क्या कहा विधायक सत्यनारायण शर्मा ने?
स्काई वॉक के बारे में बताते हुए सत्यनारायण शर्मा ने कहना है कि रिपोर्ट में हमने ये कहा की शासन का पैसा खर्च हुआ है। उन्होने प्लानिंग ठीक से नहीं की.. सर्वे ठीक से नहीं हुआ.. सदुपयोग नहीं हुआ.. लोग चलेंगे इस पर की नहीं चलेंगे... सभी लोगों ने डिफरेंट राय दी थी लेकिन स्काय वाक बन तो गया और 50 करोड़ से ज़्यादा रुपए खर्च हो गए। अब इसको तोड़ेंगे तो उसमे और पैसा लगेगा और ये 50 करोड़ और बर्बाद होगा। इसलिए हमने ये निर्णय दिया कि सरकार इसका बेहतर से बेहतर उपयोग करेगी। अच्छे से अच्छा क्या हो सकता है? वो सरकार तय करे। लेकिन इसमें जो भी अनियमितताएं हुई हैं उसमे जांच तो होगी इसमें कोई दो मत नहीं है। क्या हास्यास्पद स्थिति हो गई है.. बीजेपी फेस करे ना भाई.. जांच को फेस ना करना पड़े इसलिए हास्यास्पद बता रही है। कुल मिला कर इसमें गड़बड़ियां काफी हैं। जांच तो होगी ही लेकिन सरकार इसका अच्छे से अच्छा उपयोग करेगी।
अब तक क्या-क्या हुआ?
2018 में छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही स्काई वॉक को लेकर सवाल खड़े होने लगे। स्काई वॉक की गुणवत्ता चर्चा का विषय बनी हुई थी। इसपर जमकर सियासी गलियारों में बयानबाजी भी देखने को मिली है। इन सब के बाद इसके लिए एक जांच समिति गठित की गई थी। करीब चार साल बाद समिति ने जांच रिपोर्ट सौंप दी। जिसके बाद एक बार फिर स्काई वॉक चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, जांच समिति ने जो रिपोर्ट सौंपी है उस रिपोर्ट के मुताबिक अब इस स्काई वॉक को तोड़ा जाना अपव्यय की सूची में आ जाएगा। जिसके बाद इसका निर्माण पूरा किए जाने की बात जांच समति द्वारा कही जा रही है। जैसे ही स्काई वॉक को पूरा किए जाने की बात सामने आई तो इसे लेकर एक बार फिर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।