छत्तीसगढ़ समेत देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं को जांचने मॉकड्रिल, कोरोना बढ़ने से पहले तैयारी

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छत्तीसगढ़ समेत देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं को जांचने मॉकड्रिल, कोरोना बढ़ने से पहले तैयारी

RAIPUR. चीन समेत कुछ देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए केंद्र सरकार सतर्कता बरत रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ समेत देशभर में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को परखने के लिए मॉक ड्रिल की जा रही है। रायपुर में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, आइसोलेशन बेड क्षमता, ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर बेड के की उपलब्धता परख रही है। साथ ही डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की अधिकतम उपलब्धता पर देखी जा रही है। 



अंबेडकर अस्पताल में 20 बेड का आईसीयू तैयार



दूसरी ओर, प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल में 20 बेड का आईसीयू तैयार कर लिया गया है, जो सभी ऑक्सीजन युक्त बेड हैं। 10 वेंटीलेटर भी रखे गए हैं। यहां भी मॉकड्रिल की गई। इस दौरान अगर कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी, तो पहले की तरह मेडिसिन विभाग को डीकेएस, गायनी और पीडियाट्रिक विभाग की नर्सरी को जिला अस्पताल पंडरी और पीडियाट्रिक विभाग को मातृ-शिशु अस्पताल कालीबाड़ी में शिफ्ट किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 दिसंबर को मॉकड्रिल करने को कहा था। 



कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों को दूसरे जगह किया गया था शिफ्ट



कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए 2021 में अंबेडकर के मेडिसिन, गायनी और पीडिया विभाग को शिफ्ट किया गया था। तब कोरोना की दूसरी लहर थी। तब अप्रैल में 24 घंटे में रायपुर में 4,168 और प्रदेश में 17 हजार 397 मरीज मिले थे। यही नहीं रिकार्ड रायपुर में 77 समेत 279 मरीजों की मौत भी हुई थी। बताया गया कि इस बार भी मरीज बढ़ने पर ऐसा ही किया जाएगा। 



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जिला अस्पताल बिलासपुर में कोरोना के गंभीर मरीज को किया भर्ती



जिला अस्पताल बिलासपुर में भी कोरोना संक्रमण बढ़ने के दौरान की जाने वाली कवायद को डेमो के जरिए करके अभ्यास किया गया। इस माकड्रिल में स्वास्थ्यकर्मी को कोरोना का गंभीर मरीज मानकर उसे एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। फिर सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए अस्पताल स्टाफ ने व्हीलचेयर पर बैठाकर उसे आईसीयू तक पहुंचाया। आईसीयू में भर्ती करने, ऑक्सीजन मास्क चढ़ाने समेत सभी कवायदें पूरी करते हुए सुनिश्चित किया गया कि आपात स्थिति में भी इसी तरह की मुस्तैदी कर मरीज को जल्द जीवन रक्षा से जुड़े उपकरण की सुविधा देने की पहल की जाएगी।



जांजगीर, कोरबा, मुंगेली, सरगुजा में भी पहल



बिलासपुर और सरगुजा संभाग के सभी जिलों में स्थित जिला अस्पतालों में भी मॉकड्रिल की गई। बिलासपुर के अलावा संभाग के जांजगीर-चांपा, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा, रायगढ़, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में कोरोना से निपटने की तैयारियों की मॉकड्रिल हुई। सरगुजा के अंबिकापुर, सूरजपुर, कोरिया, जशपुर, बलरामपुर, मनेंद्रगढ़ समेत दूसरे जिला अस्पतालों में भी डेमो मरीज के माध्यम से कोरोना की आपात स्थिति से निपटने का अभ्यास किया गया।



कर्नाटक में मास्क अनिवार्य, गाइडलाइन भी जारी 



केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कई देशों में कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आपात स्थिति से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में आवश्यक उपाय के निर्देश दिए थे। दूसरी ओर, कर्नाटक सरकार ने 26 दिसंबर (सोमवार) से स्कूलों, कॉलेजों, मॉल और सिनेमाघरों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य कर दिया। नए साल के जश्न से पहले राज्य सरकार ने पब, बार और रेस्तरां में मास्क अनिवार्य कर दिया। कर्नाटक सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत रात 1 बजे तक नए साल का जश्न खत्म करना होगा।


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