MP ज्योत्सना महंत का केंद्र को पत्र,परसा केते कोल ब्लॉक अनुमति तत्काल निरस्त हो

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Yagyawalkya Mishra
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MP ज्योत्सना महंत का केंद्र को पत्र,परसा केते कोल ब्लॉक अनुमति तत्काल निरस्त हो

Korba,21 अप्रैल 2022। मध्य भारत के सबसे समृद्ध वन क्षेत्र हसदेव अरण्य को बचाने की क़वायद में आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को कांग्रेस सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत का साथ मिल गया है। सांसद श्रीमती महंत ने कोरबा दौरे पर पहुँचे केंद्रीय वन पर्यावरण और जलवायु मंत्री अश्विनी चौबे से मिलीं और हसदेव बांगो जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले परसा और केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक को जारी अनुमति निरस्त करने का आग्रह करते हुए पत्र सौंपा है।




    सांसद श्रीमती महंत ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अश्विनी चौबे से हसदेव अरण्य की विशिष्ट जैव विविधता के बारे में विस्तार से बताया।उन्होंने स्पष्ट किया कि यह छोटा जंगल नहीं बल्कि पेंच राष्ट्रीय उद्यान से पलामू के जंगल तक विस्तृत वन कॉरिडोर है जो 700 किलोमीटर लंबा है। इसे यूपीए सरकार ने 2010 में नो गो एरिया घोषित किया था।हालिया दिनों यहाँ उत्खनन की अनुमति दी गई है,आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं और वन अनुमति प्रक्रिया में पेश किए गए ग्राम सभा प्रस्ताव को फ़र्ज़ी बता रहे हैं। परसा और केते एक्सटेंशन से जंगल को नुक़सान तो होगा ही, हसदेव की सहायक नदियाँ गेज और चरनोई भी विलुप्त हो सकती हैं।आईसीएफआरई और डब्लूआईआई रिपोर्ट में कोयला खनन को अपूरणीय क्षति और मानव हाथी द्वंद में भारी वृद्धि की आशंका जताई गई है और खनन ना करने की सिफ़ारिश है।



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     सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत ने पत्र सौंप कर परसा और केते कोल ब्लॉक की जारी अनुमति तत्काल निरस्त करने का आग्रह करते हुए लिखा है




“देश में लगभग 900 कोल ब्लॉक हैं जिनमें से 700 लगभग घने जंगलों के बाहर हैं”




    कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत के इस पत्र और संवाद को वन एवं पर्यावरण और जलवायु मंत्री अश्विनी चौबे ने पूरी गंभीरता से सुना और आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि, परसा में आदिवासियों ने अपनी ज़मीन जंगल छोड़ने से मना कर दिया है,और खनन के विरोध में तथा फ़र्ज़ी ग्रामसभा प्रस्ताव मामले में एफ़आइआर की माँग को लेकर उनका आंदोलन जारी है। हालिया दिनों आंदोलनकारी ग्रामीणों के विरुध्द अपराध भी सरगुजा पुलिस ने दर्ज किया है।

   ग्रामीणों की लड़ाई को कांग्रेस सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत का सशक्त समर्थन मिला है, देखना है कि जंगल को जल स्त्रोतों को बचाने की लड़ाई कहाँ तक जाती है और नतीजा आख़िरकार क्या होता है।





 


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